रांची शनिवार को रांची में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने कहा कि अगर एनडीए गठबंधन अनुसूचित जनजाति की महिला को सशक्त करना चाहती है तो उसे राष्ट्रपति की बजाए प्रधानमंत्री बनाना चाहिए। ऐसा करके एनडीए उसे और सशक्त बना सकती है। कांग्रेस विधायकों की बैठक के बाद महागठबंधन की तरफ से बनाये गए ने कहा कि दरअसल यह चुनाव विचारधारा की लड़ाई है।
एक तरफ वैसे लोग हैं जो लोकतंत्र को बचाए रखने की कोशिश में हैं वहीं दूसरी तरफ वैसे हैं जो इसे समाप्त करने में लगे हुए हैं। सिन्हा ने कहा कि पूरे देश में लोगों से मिलने का बाद उन्हें इस बात का एहसास हो रहा है कि लोग डरे हुए हैं। उन्होंने कहा की चाहे सांसद हों या आम आदमी सबके अंदर डर का भाव बैठ हुआ है।
उन्होंने कहा की पहले संसद में विरोध प्रदर्शन के बाद सांसदों को बाहर निकलकर भी अपना विरोध करने का अधिकार था लेकिन अब ऐसा नहीं है। कई बार ऐसा हुआ है की विरोध प्रदर्शन की वजह से हाउस एडजर्न हुआ है और राजनीतिक दल के लोग बाहर अपना विरोध प्रदर्शन करते थे लेकिन अब ऐसा संभव नहीं है।
अब न तो पार्लियामेंट के अंदर नहीं बोल सकते और न बाहर। उन्होंने कहा कि जिस तरह केन्द्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है यह किसी से छिपा नहीं है। उन्होंने कहा की गोवा में कांग्रेस पार्टी को तोड़ने की कोशिश की गयी लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली।
इससे पहले सिन्हा ने झारखण्ड विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों के साथ बैठक की। बैठक में झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस पार्टी के प्रभारी अविनाश पाण्डेय, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और पार्टी के विधायक मौजूद रहे।