नूपुर शर्मा समेत इस्लाम के खिलाफ बोलने वालों की लिस्ट तैयार थी
पटना1
पटना के फुलवारीशरीफ में 2 संदिग्ध आतंकी पकड़े गए हैं. खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार इनके इरादे काफी खतरनाक थे. दोनों पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्य हैं और इनके पास से दस्तावेज बरामद किए गए हैं. इस डॉक्यूमेंट के अनुसार पटना में आतंकियों के निशाने पर पीएम नरेंद्र मोदी थे. दरअसल डॉक्यूमेंट के अनुसार पटना में पीएम के प्रोग्राम में गड़बड़ी की साजिश रची गई थी.
दोनों के खिलाफ दायर FIR में लिखा है कि 11 जुलाई को खुफिया एजेंसी को गुप्त सूचना मिली थी फुलवारीशरीफ थाना अंतर्गत कुछ संदिग्ध प्रस्तावित प्रधानमंत्री पटना भ्रमण के दौरान गड़बड़ी करने के मकसद से इकट्टा हुए हैं, उन्हें एक पखवाड़े से ट्रेनिंग भी दी जा रही थी. संदिग्ध आतंकियों की फुलवारीशरीफ में दंगा फैलाने की भी योजना थी, लेकिन चौकस खुफिया एजेंसी ने संदिग्धों की साजिश को समय रहते ही डिकोड कर लिया.
पटना दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन आतंकियों के निशाने पर थे। इसके लिए 15 दिन से ट्रेनिंग दी जा रही थी। इन लोगों ने नूपुर शर्मा समेत इस्लाम के खिलाफ बोलने वालों की लिस्ट तैयार की थी। राजस्थान के उदयपुर और महाराष्ट्र के अमरावती की तरह बदला लेने की प्लानिंग थी।
प्रधानमंत्री के दौरे से एक दिन पहले ही पुलिस ने दो संदिग्ध आतंकियों अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया। अतहर ने पुलिस को बताया कि इस मुहिम में 26 लोग शामिल थे, जिनकी पटना में ट्रेनिंग चल रही थी। सभी पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया यानी SDPI से भी जुड़े थे। इन दोनों की सूचना पर गुरुवार को फुलवारी शरीफ के रहने वाले अरमान मलिक को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में यह तीसरी बड़ी गिरफ्तारी है। अरमान भी PFI की मीटिंग में शामिल होता था। तीनों संदिग्धों से अभी पूछताछ चल रही है। कुल 26 लोगों पर FIR दर्ज है।
आतंकियों के पास से इंडिया 2047 नाम के डॉक्यूमेंट भी मिला है। पुलिस के हाथ लगे 7 पेज के डॉक्यूमेंट में पूरी प्लानिंग का जिक्र है। बताया गया है कि पटना के फुलवारी शरीफ के अहमद पैलेस की दूसरी मंजिल को ट्रेनिंग सेंटर बना दिया गया था। इसमें बिहार के बाहर के लोग भी आ रहे थे।
80 लाख से ज्यादा का ट्रांजैक्शन मिला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पटना दौरे से एक दिन पहले यानी 11 जुलाई की शाम काे IB (इंटेलिजेंस ब्यूरो) के इनपुट पर पुलिस ने नया टोला में छापेमारी कर जलालुद्दीन और गुलिस्तां मोहल्ला स्थित घर से अतहर काे पकड़ा था। इनके बैंक अकाउंट से 80 लाख से ज्यादा का ट्रांजैक्शन मिला है।
फुलवारी शरीफ के ASP मनीष कुमार ने बताया कि ये मिशन 2047 पर काम कर रहे थे। ये लोग भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाना चाहते थे। इसी टारगेट को पूरा करने के लिए मुस्लिम युवाओं को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी। ED अब इन्हें फंडिंग करने वालों की जांच करेगी।
गिरफ्तार एक आतंकी झारखंड पुलिस का रिटायर्ड दारोगा
गिरफ्तार आतंकियों में एक झारखंड पुलिस का रिटायर्ड दरोगा जलालुद्दीन और दूसरा उसका साथी अतहर परवेज है। इन दोनों पर आरोप है कि मार्शल आर्ट और शारीरिक शिक्षा देने के नाम पर हथियार चलाने की ट्रेनिंग देते थे। दोनों पर धार्मिक उन्माद फैलाने और आतंकवादी गतिविधि करने का भी आरोप है।
पटना SSP ने आतंकियों की ट्रेनिंग को RSS से जोड़ा
गुरुवार को संदिग्ध आतंकियों के मनसूबों का खुलासा करते हुए पटना SSP मानवजीत सिंह ढिल्लों ने उनकी ट्रेनिंग को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जोड़ दिया है। उन्होंने कहा, ‘मदरसे से यह लोगों को मोबिलाइज करते थे और कट्टरता की ओर मोड़ रहे थे। इसका मोडस वैसे ही था जैसे शाखा की होती है। RSS की शाखा ऑर्गेनाइज की जाती है और लाठी की ट्रेनिंग होती है, वैसे ही ये फिजिकल ट्रेनिंग के नाम पर यूथ को प्रशिक्षण दे रहे थे और अपने प्रोपोगेंडे के माध्यम से ब्रेनवाश कर रहे थे।’ पूरी खबर पढ़ें
कई ब्लास्ट के अभियुक्तों का बेलर था अतहर
एएसपी ने यह भी बताया कि 2001, 2003 और 2013 में आतंकी गतिविधियों में हुई सभी गिरफ्तारी में अतहर बेलर रहा है। पुलिस ने इसका सत्यापन कर लिया है।
साजिश: भारत को 2047 तक इस्लामी राष्ट्र बनाना
6-7 जुलाई को मार्शल आर्ट के नाम पर बिहार, तमिलनाडु, झारखंड और पश्चिम बंगाल से आए युवकों को ट्रेनिंग दी गई। साजिश थी भारत को 2047 तक इस्लामी राष्ट्र बनाना।
पुलिस ने इनके ठिकानों से कई आपत्तिजनक बैनर, पैम्फलेट, वीडियो समेत अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। 11 जुलाई से दोनों से पूछताछ की जा रही थी। सबूत मिलने के बाद पुलिस ने बुधवार काे दोनों काे मीडिया के सामने पेश किया। एएसपी ने बताया कि अतहर के विभिन्न बैंकों में तीन अकाउंट हैं। इनमें 83 लाख रुपए जमा हैं। पुलिस का कहना है कि तीनों अकाउंट्स को फ्रीज कराया जाएगा।
सिमी के पुराने सदस्यों को जोड़ कर बना रहे थे गुप्त संगठन
गिरफ्तार मो. जलालुद्दीन प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी का एक्टिव सदस्य रहा है। अब यह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का भी एक्टिव मेंबर है। पूछताछ में इसने खुलासा किया है कि PFI से सिमी के पूर्व सदस्यों को जोड़ा जा रहा है। इसके बाद इन्हें जोड़कर एक गुप्त संगठन तैयार किया जा रहा है। इस गुप्त संगठन को एक बड़ा टारगेट दिया गया है।