नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह नए संसद भवन की छत पर अशोक स्तंभ की कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया। यह प्रतिमा 6.5 मीटर ऊंची और 9500 किलो वजन की है। इसे सपोर्ट करने के लिए स्टील का लगभग 6500 किलोग्राम वजनी सिस्टम भी बनाया गया है।
अशोक स्तंभ भारत का राष्ट्रीय प्रतीक है। इस दौरान उन्होंने नई संसद के काम में लगे वर्कर्स से बातचीत भी की। पीएम के साथ लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी भी मौजूद थे। हाल ही में हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत विजय चौक से इंडिया गेट तक का काम 18 जुलाई तक पूरा हो जाएगा।
जानिए क्या है अशोक स्तंभ?
मौर्य वंश के तीसरे शासक सम्राट अशोक प्राचीन काल में भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे शक्तिशाली राजाओं में से एक थे। उन्होंने 273 ईसा पूर्व से 232 ईसा पूर्व तक भारत में शासन किया। अशोक ने देश के कई हिस्सों में स्तूप और स्तंभ बनवाए। इनमें से एक स्तंभ जो सारनाथ में स्थित है, उसे अशोक स्तंभ कहा जाता है, इसे ही भारत के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में आजादी के बाद अपनाया गया है।
सेंट्रल विस्टा मोदी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसका सेंट्रल एवेन्यू 80 फीसदी बनकर तैयार हो चुका है। इसे बनवाने के लिए पहले करीब 971 करोड़ रुपए के खर्च का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब यह खर्च 29 फीसदी बढक़र 1250 करोड़ से अधिक हो सकता है। सरकार ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के पूरे होने की डेडलाइन अक्टूबर 2022 रखी है। सरकार चाहती है कि नए संसद भवन में शीतकालीन सत्र आयोजित किया जाए। इसमें संसद भवन समेत केंद्र सरकार से जुड़े सभी दफ्तर शामिल हैं।
अशोक स्तंभ के अनावरण पर घमासान, नाराज हुए वाम दल और ओवैसी
नये संसद भवन पर बने अशोक स्तंभ के अनावरण पर देश में घमासान छिड़ गया है. राजनीतिक दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथ लिया. ऑल इंडिया जलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इसे असंवैधानिक बताया. उन्होंने ट्वीट किया, ‘संविधान, संसद, सरकार और न्यायपालिका की शक्तियों को अलग करता है. सरकार के मुखिया के रूप में प्रधानमंत्री को नये संसद भवन के ऊपर बने राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण नहीं करना चाहिए था.’
कांग्रेस ने पूछा- सभी दलों को क्यों नहीं भेजा न्योता
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘लोकसभा के अध्यक्ष लोकसभा का प्रतिनिधत्व करते हैं. वह सरकार के अधीन नहीं हैं. पीएमओ ने संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन किया है.’ वामदलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा पूजा-पाठ को गैरजरूरी बताया. वहीं, कांग्रेस ने कहा है कि जब संसद सबकी है, तो सभी दलों के लोगों को कार्यक्रम के लिए न्योता क्यों नहीं दिया गया.
पीएम मोदी ने किया ‘अशोक स्तंभ’ का अनावरण
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के नये भवन की छत पर लगे राष्ट्रीय चिह्न ‘अशोक स्तंभ’ का सोमवार को अनावरण किया. इस अवसर पर लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह मौजूद थे. 20 फीट ऊंचे राष्ट्रीय चिह्न का कुल वजन 9,500 किलोग्राम है. यह पूरी तरह से कांसा से निर्मित है. अशोक स्तंभ को सपोर्ट देने के लिए 6,500 किलोग्राम वजन के स्टील का एक स्ट्रक्चर तैयार किया गया है.
पीएम मोदी के साथ हरदीप सिंह पुरी भी थे मौजूद
अशोक स्तंभ के अनावरण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के अलावा शहरी विकास मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करीब 45 मिनट तक नये संसद भवन परिसर में रहे. इस दौरान उन्होंने निर्माण कार्य में लगे मजदूरों से बातचीत भी की.
अमित शाह ने कही ये बात
अमित शाह ने ट्वीट किया, ‘आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने नये संसद भवन के शिखर पर राष्ट्रीय चिह्न का अनावरण किया. नया संसद भवन आत्मनिर्भर व नये भारत की पहचान बन जन-जन की आशा-आकांक्षाओं की पूर्ति का साक्षी बनेगा. इसके शीर्ष पर स्थापित यह राष्ट्रीय चिह्न हमेशा मुकुटमणि की तरह देदीप्यमान रहेगा.’
नये संसद भवन की खूबियां
64,500 वर्ग मीटर है नये संसद भवन का क्षेत्रफल
888 सदस्यों के बैठने की क्षमता है लोकसभा कक्ष में
384 सदस्यों के बैठने की क्षमता है राज्यसभा कक्ष में
1,224 सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी लोकसभा कक्ष के पास बने कक्ष में. इसमें संयुक्त सत्र की बैठकें होंगी