आपस में लड़ाने वालों को बाहर करने का अच्छा समय : सुरजीत
जमशेदपुर
आगामी टिनप्लेट गुरुद्वारा चुनाव को लेकर विपक्षी खेमे के उम्मीदवार सुरजीत सिंह और गुरचरण सिंह बिल्ला गुट ने रविवार को नामांकन के बाद पहली बार दमखम दिखाया. यहां मौजूदा कमेटी को उखाड़ फेंकने का उलगुलान हुआ. गुरवाणी के कथन अनुसार मानस की जात सब एके पहचानबो के अनुसार जात पात से हटकर गुरु घर की सेवा करने का संकल्प लिया गया. बिना नाम लिए हुए मौजूदा कमेटी के किंगमेकर कहे जाने वाले पदाधिकारी पर लोग बरसे. कहा गया कि उनकी तानाशाही व व्यवहार का नतीजा है कि कमेटी के लोग अलग होकर चुनाव लड़ रहे हैं.
यहां प्रधान पद के दावेदार सुरजीत सिंह खुशीपुर ने कहा कि इलाके की संगत को जात-पात ऊंच-नीच के नाम पर लड़ा कर अपना स्वार्थ सिद्ध करने वाले को बाहर का रास्ता दिखाने का अवसर वाहेगुरु ने प्रदान किया है. उनके अनुसार पिछले 22 सालों से महासचिव के तौर पर सेवा करते रहे हैं किंतु पंथ गुरुद्वारा एवं संगत के हितों के खिलाफ काम नहीं किया. अब आलम यह है कि उनसे अंग्रेजी माध्यम का विद्यालय नहीं चला और ओने पौने किराए पर दूसरे को विद्यालय भवन दे दिया गया है. आठ कमरे का भाड़ा साल में कितना होना चाहिए, संगत को उनसे पूछना चाहिए. मिडिल स्कूल में बच्चे कम हो गए हैं और हाईस्कूल बुरे हाल में है. पिछले 5 साल में केवल इलाके की संगत को जांच के नाम पर बांटने का ही काम होता रहा है और अब उनके झांसे में नहीं आना चाहिए.
सुखिया रोड स्थित सरदार सुरजीत सिंह खुशीपुर के आवास पर तीन सौ से ज्यादा संख्या में संगत पहुंची और उन्होंने अपना समर्थन का भरोसा दिया. संगत की भावना थी कि उनके अनुभव का व्यापक लाभ हमें मिलेगा और गुरुद्वारा तथा स्कूल का विकास होगा और आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के साथ खड़े रहेंगे.
इस मौके पर सरदार गुरुचरण सिंह बिल्ला, कुलदीप सिंह बुग्गे, दीदार सिंह, कश्मीर सिंह चीमा, कुलविंदर सिंह ने विचार रखे और संगत से भरपूर योगदान देने एवं समर्थन की अपील की.
इस मौके पर सरदार सुधीर सिंह को आशीर्वाद देने कुलवंत सिंह पहलवान, गुरनाम सिंह छजलवाद्दी, गुरमीत सिंह कालेके, सविंदर सिंह बगान एरिया, अमरजीत सिंह राजासांसी, गोपाल सिंह, सुखदेव सिंह झूला मैदान, जितेंद्र सिंह जेएमएम, जंबर सिंह, मित्ते सिंह, हरविंद्र सिंह, कुलवंत सिंह, सविंदर सिंह लादेन, परविंदर सिंह, सुच्चा सिंह, सविंदर सिंह गुलाब सलाई, छिंदे सिंह जस्सी, ज्ञानी कुलदीप सिंह खुशीपुर, अमरीक सिंह खुशीपुर, सरनजीत सिंह खुशीपुर, तरसेम सिंह बरहमपुर, हरजिंदर सिंह ब्रह्मपुरा, संता सिंह, दर्शन सिंह, संतोख सिंह चीमा, जसपाल सिंह कनिएके, सुखविंदर सिंह रंगडनंगल, रणजीत सिंह, सरताज सिंह बाजवा, सिकंदर सिंह, परमजीत सिंह पम्मा आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे.