जमशेदपुर 2 सितंबर: देश में छायी वर्तमान मंदी से लडख़ड़ाए उद्योगों पर बैंकों का रिकवरी डंडा भी कानून की आड़ में इतनी कड़ाई से चल रहा है कि उद्यमी चौतरफा दवाब से मरणशील हो गए हैं।
ऐसे हालत में मारूति इंटरप्राइजेज नामक एक उद्योग के मालिक गब्बूलाल
जायसवाल ने स्वयं आगे बढ़कर बैंक आफ बड़ौदा को एकमुश्त कर्ज सेटलमेंट का
आफर दिया है और उनका दावा है कि यह आफर न उनके हित में समझा जाए, न बैंक
हित में बल्कि राष्ट्र निर्माण के मद्देनजर कसौटियों पर कसा जाए।
बैंक आफ बड़ौदा के मुख्य प्रबंधक एवं अधिकृत पदाधिकारी रिजनल स्टे्रस्ट
एसेट्स रिकवरी शाखा रांची को गत एक सितंबर 19 को उन्होंने एक पत्र लिखकर
बैंक के ओटीएस के तहत उन्होंने अपने कर्ज बकाया को रूपया 40,44,150 में
सेटल करने का आफर भेजा है। लौह एवं इस्पात उद्योग से जुड़े क्षेत्र में
मंदी का जिक्र करते हुए पत्र में कहा गया है कि जीडीपी गिरावट दर्ज करते
हुए वर्तमान 5 प्रतिशत की स्थिति भयावह हो गयी है। उपर से बैंको की
दोषपूर्ण नीतियों के चलते उद्योगों के पास पैसे का घोर अभाव हो गया है।
स्वयं सरकार और वित्तमंत्री बैंकों को सुदृढ करने के लिए उपाय कर रहे
हैं, अन्यथा यह अर्थव्यवस्था और घातक रूप लेने वाली है।
उपर्युक्त संदर्भ में श्री जायसवाल ने लिखा है कि बैंक ने उनके कर्ज के
बावत जमानती संपत्ति को बेचने का गत 4 मई 2019 को जो नोटिस निकाला है वह
सार्थक साबित नहीं होगा क्योंकि इन संपत्तियों के लिए बैंक ने जो रूपया
42,57,000 की रिजर्व प्राइस तय की है वह मूल्य बाजार में नहीं मिलेगा।
अलबत्ता बैंक चाहे तो इसमें मात्र 5 प्रतिशत की कटौती करते हुए रूपया
40,44,150 में कर्ज बकाया राशि को सेटल करने के लिए तैयार हैं।
राष्ट्रहित में मामले को लटकाया और लंबी प्रक्रिया से बचते हुए सकारात्मक
योगदान के लिए वह स्वयं तैयार है।