राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने आज संसद भवन पहुंचकर नामांकन दाखिल किया. इस दौरान उनके साथ विपक्ष के कई नेता भी मौजूद रहे. राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल करने के बाद यशवंत सिन्हा ने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि मैं तमाम विपक्षी दलों का शुक्रिया अदा करता हूं जो जिन्होंने मुझे उनका उम्मीदवार चुना. यशवंत सिन्हा ने कहा कि मुझे बताया गया कि मैं विपक्षी की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए चौथी पसंद हूं, लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि अगर मैं दसवीं पसंद भी होता तो इसे स्वीकार करता. क्योंकि ये विचारों की लड़ाई है और मैं इसमें अपना योगदान देना चाहता हूं.
यशवंत सिन्हा के राष्ट्रपति उम्मीदवार के नामांकन के इस दौरान विपक्ष ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया और नामांकन दाखिल किए जाने के समय शरद पवार, राहुल गांधी, अखिलेश यादव से लेकर राम गोपाल यादव, इसके अलावा, मल्लिकार्जुन खड़गे, आरएलडी के जयंत चौधरी सहित एन के प्रेमचंद्रन (RSP), फारूक अब्दुल्ला (NC), डी राजा (BKP), ए राजा (DMK), केटी राव (TRS) और नामा नागेश्वर राव (TRS) भी मौजूद रहे। जेएमएम का कोई नेता नामांकन में नहीं रहा। बल्कि झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने आज गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। वे दिल्ली में ही थे पर नामांकन में नहीं गए।इस मौके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, ‘हम सभी विपक्ष की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के साथ हैं। लेकिन यहां दो विचारधाराओं की लड़ाई है एक तरफ नफरत और दूसरी तरफ भाई चारा और देश की भावनाएं हैं।’
नामांकन से पहले महात्मा गांधी की मूर्ति पर चढ़ाए फूल
विपक्ष के राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संसद परिसर के अंदर महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। वहीं टीएमसी के सांसद सौगत रॉय ने कहा, ‘यह लड़ाई दो व्यक्तियों के बीच नहीं बल्कि विचारधारा की लड़ाई है। एक और सांप्रदायिकता है तो दूसरी ओर धर्मनिरपेक्षता। मुझे लगता है कि यशवंत सिन्हा सबसे अच्छे उम्मीदवार हैं। कांग्रेस, द्रमुक, आरजेडी, एनसीपी और अन्य उनका समर्थन कर रहे हैं। यह देश के सर्वोत्तम मूल्यों का इंद्रधनुषी रंग का गठबंधन है।
यशवंत सिन्हा ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की योग्यता को लेकर कहा कि राष्ट्रपति का काम है सरकार को सलाह देना इसलिए ये ज़रूरी है कि राष्ट्रपति वो बने जो सलाह दे सके. उन्होंने कहा यदि कोई ऐसा व्यक्ति राष्ट्रपति बनता है जिसकी सरकार को सलाह देने की हिम्मत ही न पड़े तो वह अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह नहीं कर पाएगा. यशवंत सिन्हा ने कहा कि ऐसे हालात में वह केवल एक रबर स्टैम्प बनकर रह जाएगा, जैसा कि हमने पहले भी देखा है.
आपको बता दें कि यशवंत सिन्हा के राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल करने के बाद उनके देशव्यापी प्रचार के लिए एक प्रचार समिति का भी गठन किया गया है. जिसमें कांग्रेस नेता जयराम रमेश, टीएमसी के सुखेंदु शेखर राय, सीपीआई (एम) के सीताम यचूरी, सपा के डा. रामगोपाल यादव, एनसीपी के प्रफुल पटेल, टीआरएस के रंजीत रेड्डी, आरजेडी के मनोज झा, सीपीआई के डी राजा समेत शिवसेना नेता का नाम शामिल है. आज नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद कैंपेन शुरू हो चुका है. यशवंत सिन्हा कल से प्रचार अभियान की शुरूआत करेंगे.
BJP पर कसा तंज
विपक्षी के राष्ट्रपति पद के उम्मदीवार यशवंत सिन्हा ने अपना नामांकन भरने के बाद बीजेपी सरकार पर निशाना साधा. यशवंत सिन्हा ने कहा कि बीजेपी ने किसी को बताए बिना ही अपना कैंडिडेट घोषित कर दिया. उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के सर्वोच्च पद के लिए सरकार ने दूसरें दलों के साथ बैठक कर कंसेसनेस बनाने की कोशिश तक नहीं की.