नई दिल्ली
बॉलीवुड फिल्म डायरेक्टर राम गोपाल वर्मा एनडीए से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी। अब उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। यह केस तेलंगाना के भाजपा नेता गुडूर नारायण रेड्डी ने करवाया है। फिल्म डायरेक्टर के खिलाफ हैदराबाद के आबिद रोड थाने में एससी-एसटी एक्ट के तहत केस किया गया है। रामगोपाल वर्मा ने ट्वीट किया था-अगर द्रौपदी राष्ट्रपति हैं तो पांडव कौन हैं? और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि कौरव कौन हैं?
ट्विटर पर उनके द्वारा किए गए कमेंट पर न केवल वो ट्रोल हो गए बल्कि व्यूअर्स ने उनकी जमकर खिंचाई की। उनमें कुछ ने तो वर्मा के ट्वीट पर गृह मंत्री द्वारा संज्ञान लेने की भी अपील की। अपने ट्वीट को लेकर वर्मा ने बाद में सफाई भी दी।
वहीं रांची से सांसद संजय सेठ ने वर्मा के ट्वीट को शेयर करते हुए लिखा कि देश के सर्वोच्च पद का चुनाव हो रहा है और इस फिल्मकार की भाषा देखिए। एक आदिवासी महिला हमारे राष्ट्रपति बनने जा रही है, वह इन्हें नागवार गुजर रहा है। यह कैसी भद्दी टिप्पणी है ऐसे घृणित लोगों पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कितना नीचे गिरोगे तुम सब।
दरअसल वर्मा ने अपने ट्वीट में लिखा है कि अगर द्रौपदी राष्ट्रपति हैं तो पांडव कौन हैं और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि कौरव कौन हैं? उनके इस ट्वीट के बाद उनके फॉलोअर्स और अन्य व्यूअर्स ने उनकी जमकर खिंचाई की। झारखंड से डॉ विष्णु राजगढिय़ा लिखते हैं यह एक गंदा कमेंट है। वही सत्या कुमार ने लिखा है कि कुछ भी कहने से अपने ऊपर नियंत्रण रखना चाहिए, नहीं पता था कि आप इतने बड़े मूर्ख हैं। वहीं अर्जुन मेहर ने लिखा है कि अगर समझदारी भरे ट्वीट नहीं
कर सकते तो मूर्खता का प्रदर्शनी मत किया करो। वहीं अरमान ने लिखा है शर्मनाक है, नाम राम है और विचार रावण वाले हैं। जबकि डॉ उत्तम मोहन ने वर्मा के ट्वीट पर गृहमंत्री को संज्ञान लेने की अपील की है।
जब वर्मा को इस बात का एहसास हुआ कि वो मुर्मू के बारे में किए गए अपने ट्वीट में फंसने लगे तब उन्होंने सफाई दे डाली यह सिर्फ विडंबना में कहा गया था और किसी अन्य तरीके से इरादा नहीं था … महाभारत में द्रौपदी मेरा पसंदीदा चरित्र है, लेकिन चूंकि नाम इतना दुर्लभ है, इसलिए मैंने संबंधित पात्रों को याद किया गया और इसलिए मेरी अभिव्यक्ति किसी भी व्यक्ति की भावनाओं को आहत करने का इरादा नहीं रखती है। मुर्मू पहली आदिवासी महिला हैं जो झारखण्ड की राज्यपाल बनी थी। वहीं वह दूसरी महिला और पहली आदिवासी महिला होंगी जो देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद के काफी करीब हैं।