रांची रांची हिंसा मामले में मंगलवार को पुलिस ने मेन रोड में पथराव और तोडफ़ोड़ की घटना में शामिल आरोपियों का पोस्टर जारी किया. इस दौरान लोगों को इन आरोपियों के संबंध में सूचना देने के लिए पुलिस अधिकारियों का मोबाइल नंबर भी पोस्टर में जारी किया. राजधानी के जाकिर हुसैन पार्क के समीप चौक पर पोस्टर लगाया भी गया़, लेकिन पुलिस की इस कार्रवाई पर झामुमो ने तत्काल आपत्ति दर्ज कर दी. इसके कुछ देर बाद ही उस स्थान से पोस्टर हटा दिया गया.
सोमवार को राज्यपाल ने डीजीपी को किया था तलब
बता दें कि राज्यपाल रमेश बैस ने 13 जून को डीजीपी नीरज सिन्हा सहित प्रशासनिक अधिकारियों को राजभवन तलब कर उपद्रवियों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया था. इसके लिए उन्होंने उपद्रवियों और गिरफ्तार लोगों की पहचान के लिए पोस्टर लगाने का निर्देश दिया था. इसके बाद पुलिस प्रशासन ने आरोपियों के पोस्टर शहर के अलग-अलग चौक-चौराहे पर लगाने का निर्णय लिया. इसकी शुरुआत जाकिर हुसैन पार्क के पास के चौराहे से की गयी थी. पोस्टर में निवेदक रांची पुलिस थी. इसमें कहा गया था कि इन आरोपियों के संबंध में किसी को कोई जानकारी हो, तो रांची पुलिस को सूचना दें. सूचना देनेवाले व्यक्ति का नाम और पता गुप्त रखा जायेगा. पोस्टर में सूचना देने के लिए सिटी डीएसपी, कोतवाली डीएसपी, हटिया डीएसपी, डेली मार्केट, कोतवाली, लोअर बाजार तथा डोरंडा थाना प्रभारी का मोबाइल नंबर भी पोस्टर में जारी किया गया था.
झामुमो ने जतायी आपत्ति
मंगलवार को रांची पुलिस की ओर से आरोपियों का पोस्टर लगाने पर झामुमो ने तत्काल आपत्ति दर्ज की. इस संबंध में झामुमो के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि इससे यूपी-झारखंड का फर्क मिट जायेगा. झामुमो की आपत्ति के बाद पोस्टर लगाते ही उतर गया. रांची पुलिस ने इस मामले में अपना पक्ष देते हुए कहा कि पोस्टर में कुछ संशोधन करना है, इस कारण इसे उतारा गया है. इसके बाद फिर से लगाया जाएगा.
सार्वजनिक तौर पर किसी को बदनाम करना सही नहीं : झामुमो
पार्टी के केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पोस्टर लगाने से समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा, पहले इसका सामाजिक आकलन होना चाहिए. आप जख्म को जितना हरा कीजिएगा, उतनी गंदगी फैलेगी. कार्रवाई करनी है, तो पुलिस उपद्रवियों को चिह्नित कर कार्रवाई करे. उन्हें जेल भेजे. सार्वजनिक तौर पर किसी को बदनाम करना सही नहीं है.