यूपी में शुक्रवार के बवाल के बाद 13 एफआआईआर दर्ज की गई है। पुलिस फोटो और वीडियो के आधार पर उपद्रवियों की पहचान कर रही है। गिरफ्तारी का सिलसिला भी जारी है। पूरे प्रदेश में 306 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है। अब तक की जांच में पता चला है कि कई जिलों में हिंसा फैलाने वालों में पहले सुनोयोजित तरीके से ही पत्थर एकट्ठा किए गए थे। यूपी के 9 जिलों में भड़की हिंसा के पीछे जिन-जिन शरारती तत्वों का हाथ था, अब उनके चेहरे भी बेनकाब होने लगे हैं। एएसआई ने कानपुर हिंसा के दूसरे मास्टरमाइंड निजाम को भी गिरफ्तार कर लिया है। कानपुर हिंसा को भड़काने के लिए 50-60 लोगों ने नीली टोपी और काले कपड़े पहने हुए थे। हिंसा के दौरान यहां पुलिसवालों पर भी फायरिंग की गई थी। इसके साथ ही योगी सरकार ने कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए एक साथ 71 अधिकारियों का तबादला कर दिया है।
प्रयागराज में 10 जून को हुई हिंसा मामले के मास्टरमाइंड बताए जा रहे जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप के घर रविवार को बुलडोजर चलाया गया। अटाला इलाके में हिंसा के मुख्य आरोपी के घर को गिराने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। 3 जेसीबी ने 2 मंजिला इमारत को गिराया। 5 घंटे तक चली कार्रवाई के बाद ध्वस्तीकरण का काम पूरा हो गया है।
क़ानून के नियमों को ध्यान में रखकर की जा रही कार्रवाई: यूपी पुलिस
उत्तर प्रदेश के एडीजी (क़ानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि प्रयागराज में बुलडोजर की कार्रवाई क़ानून के नियमों को ध्यान में रखकर की जा रही हैं। वहां पुलिस की तैनाती बड़ी संख्या में इसलिए कर रखी है क्योंकि पिछले शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद वहां काफी लोग उपद्रव करने लगे थे। भीड़ हिंसक हो गई थी, जिसमें पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे। 10 तारीख की घटना के संदर्भ में अब तक 306 लोगों की गिरफ़्तारी की गई है। उस दौरान लगभग 13 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे, जिनका इलाज किया जा रहा है। आज पूरे प्रदेश में स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है। प्रशांत कुमार ने कहा कि सोशल मीडिया पर जो लगातार हेट स्पीच और आपत्तिजनक पोस्ट कर रहे हैं, उसपर हम लगातार नज़र बनाए हुए हैं। ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज़ की जा रही है और उनकी गिरफ़्तारी भी की जा रही है।