झारखंड मुक्ति मोर्चा और उसकी सहयोगी कांग्रेस में झारखंड में द्विवार्षिक राज्यसभा चुनावों में अपना-अपना उम्मीदवार उतारने को लेकर तनाव पैदा हो गया है. एक ओर जहां कांग्रेस राज्य की दो सीटों के लिए हो रहे चुनावों में एक सीट के लिए अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है और इसके लिए झामुमो का समर्थन चाहती है वहीं 82 सदस्यीय विधानसभा में 30 विधायकों वाली झामुमो ने हर हाल में चुनाव में अपना उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. उधर शनिवार को सीएम हेमंत सोरेन ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की.
मुलाकात के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि मैंने सोनिया गांधी से मुलाकात की और उन्हें राज्यसभा चुनाव के बारे में जानकारी दी. झारखंड में भी राज्यसभा की दो सीटें हैं, हमने इस विषय पर चर्चा की, उन्हें अवगत कराया. मामले की पूरी जानकारी कुछ समय में जारी की जाएगी.
कांग्रेस को मिलेगी सीट?
इस मुलाकात के बाद सूत्रों ने दावा किया कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात की और राज्यसभा चुनावों में वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की. कांग्रेस की झारखंड से राज्यसभा सीट की मांग पर उन्होंने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है. जल्द अंतिम फैसला होगा. सूत्रों ने दावा किया कि इस मुलाकात के बाद झारखंड में जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन से कांग्रेस को राज्यसभा सीट मिलने की संभावना है.
झारखंड में दस जून को राज्यसभा की दो सीटों के लिए मतदान होना है. 82 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में 81 निर्वाचित सदस्य होते हैं लेकिन इस समय झारखंड विकास मोर्चा से कांग्रेस में गये विधायक बंधु तिर्की की सदस्यता आय से अधिक संपत्ति मामले में 28 मार्च को तीन वर्ष कैद की सजा पाने के बाद समाप्त हो चुकी है जिसके चलते विधानसभा में मतदान करने योग्य कुल सदस्यों की संख्या 80 ही रह गयी है. अतः राज्य की वर्तमान विधानसभा में 26.67 मत पाने वाले उम्मीदवार का राज्यसभा में जाना तय माना जा रहा है.
झारखंड में हमेशा राज्यसभा सीट के लिए संघर्ष हुआ है। 2020 में भी यही स्थिति हुई थी। 2020 में भी JMM और BJP को एक-एक सीट हासिल हुई थी। JMM ने शिबू सोरेन, BJP ने दीपक प्रकाश और कांग्रेस ने शहजादा अनवर को अपना उम्मीदवार बनाया था। लेकिन जीतने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं होने के कारण बाद में शहजादा अनवर रेस से बाहर हो गए थे।
क्या है संख्या बल
वर्तमान विधानसभा में जहां सत्ताधारी झामुमो के तीस विधायक हैं वहीं उसकी समर्थक कांग्रेस के कुल 17 विधायक हैं और दूसरी समर्थक पार्टी राजद का एक विधायक है. जबकि मुख्य विपक्षी बीजेपी के कुल 26 विधायक हैं और उसे कम से कम दो अन्य विधायकों के समर्थन का विश्वास है. ऐसे में राज्यसभा में सत्ताधारी गठबंधन और विपक्ष दोनों के एक-एक सदस्यों के चुने जाने की संभावना है.