मुंबई : बॉलिवुड अभिनेता शाहरुख खान के पुत्र आर्यन खान को क्रूज जहाज पर मादक पदार्थ मिलने के मामले में एनसीबी ने शुक्रवार को क्लीन चिट दे दी। इस क्लीनचिट के बाद अब मामले में कार्रवाई करने वाले समीर वानखेड़े पर शिकंजा कस सकता है। सरकार ने एक सक्षम प्राधिकारी को आर्यन खान ड्रग्स मामले में पूर्व-एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े की घटिया जांच के लिए उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
समीर वानखेड़े के जाली जाति प्रमाण पत्र के मामले में सरकार पहले ही कार्रवाई कर चुकी है। वानखेड़े ने कॉर्डेलिया क्रूज जहाज पर छापेमारी की और जहाज से कई तरह के नशीले पदार्थ और साथ ही 1.33 लाख रुपये नगद बरामद किए। मुंबई की एक अदालत में दायर एनसीबी की चार्जशीट में कहा गया है कि ठोस सबूत की कमी के कारण आर्यन खान और पांच अन्य का नाम नहीं लिया गया था।
28 अक्टूबर को मिली थी जमानत
क्रूज शिप से 14 लोगों को इंटरसेप्ट किए जाने के बाद 3 अक्टूबर की दोपहर को केंद्रीय एजेंसी ने आर्यन खान और उसके साथियों, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद 17 और लोगों को पकड़ा गया। बॉम्बे हाईकोर्ट ने 28 अक्टूबर को मर्चेंट, खान और मुनमुन धमाचा को जमानत दी थी।
‘महाराष्ट्र सरकार गिराने की थी साजिश’
शुक्रवार को आर्यन खान मामले में क्लीनचिट मिलने के बाद महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने सवाल किया कि इस मामले में आर्यन को हुई परेशानियों के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा? एनसीपी ने यह भी कहा कि एनसीबी के तत्कालीन जोनल निदेशक समीर वानखेड़े देश के लोगों के प्रति जवाबदेह हैं। वहीं महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में सहयोगी कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह पूरा मामला राज्य की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार को गिराने के लिए एक बड़ी साजिश का हिस्सा था।
‘कौन होगा जिम्मेदार’
एनसीपी प्रवक्ता क्लाइड क्रेस्टो ने कहा, ‘अगर आर्यन खान पाक-साफ थे, तो उन्हें दागी क्यों बनाया गया? इसका क्या मकसद था? इस युवक को हुई परेशानी के लिए कौन जिम्मेदार होगा? इस घटना से कई सवाल उठते हैं।’ कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा कि अंतत: सच्चाई की जीत हुई। उन्होंने कहा, ‘हम पहले दिन से ही कहते आ रहे हैं कि यह मामला महा विकास आघाडी सरकार (शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस) को अस्थिर करने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा था।’