Gua( Chaibasa),19 May: प्रसिद्ध फिल्म स्टार मनोज बाजपेयी पहली बार 19 मई की दोपहर लगभग दो बजे सेल की गुवा खादान के डाक बंग्ला (डीबी) में अपनी नयी फिल्म के निर्देशक आशीष एंव टीम के अन्य कलाकारों व वेनेटी वैन समेत पूरी सेट के साथ पहुंचे . सेल मुख्य महाप्रबंधक विपिन कुमार गिरी एव सेल पदाधिकारी सुमन कुमार की अगुआई
में दर्जनों लोगों ने फिल्म स्टार मनोज वाजपेयी का अभिनंदन किया। मनोज बाजपेयी के गुवा आने की चर्चा पूरे शहर में जोरों से फैल गई , हलांकि गुवा डीबी की सुरक्षा सीआईएसएफ एंव झारखण्ड पुलिस के जवानों ने कडी़ कर रखी है।मनोज बाजपेयी के निजी सुरक्षा गार्ड भी साथ में आये हैं। यहाँ आम लोगों के अलावे मिडिया का प्रवेश भी वर्जित कर दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि मनोज बाजपेयी सारंडा जंगल एंव यहाँ की खादानों व पहाड़ों की काफी चर्चा सुनकर अपनी नयी फिल्म के कुछ दृश्यों की सूटिंग हेतु यहाँ टीम के साथ आये हैं।संभावना जताई जा रही है कि वह यहाँ पांच दिनों तक रहकर शूटिंग करेंगे।आज पहले दिन वह अपनी टीम के साथ गुवा खादान की ओर सीआईएसएफ के सुरक्षा घेरा में रवाना हुए. उल्लेखनीय है कि मनोज बाजपेयी गैंग औफ वासेपुर, सत्या, शूल, पिंजर, चक्रव्यूह जैसे दर्जनों सुपर हीट फिल्म देकर विश्व के बेहतर कलाकारों में शुमार हैं।उनकी फिल्मों को देखने के लिये थियेटर में हमेशा लोगों की भीड़ उमड़ती है।
उल्लेखनीय है कि सारंडा अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिये जाना जाता है। भारत के विभिन्न कोनों से पर्यटक सारंडा की खूबसूरती को देखने आते थे।लेकिन वर्ष 2001 में नक्सलियों के पदार्पण के बाद सारंडा की शांत व पवित्र छवि धूमिल हुई । वर्षों तक नक्सली व पुलिस की मुठभेड़ से सारंडा की लाल मिट्टी और लाल होती रही । दर्जनों पुलिस जवानों की शहादत के बाद सारंडा में नक्सल गतिविधियां काफी हद तक थामी है ,लेकिन य़ह खत्म नहीं हुआ है।मनोज बाजपेयी जैसे प्रसिद्ध फिल्म कलाकार के सारंडा आकर यहाँ फिल्म की सूटिंग करने मात्र से सारंडा के माहौल में अप्रत्याशित बदलाव आ सकता है जब अन्य बडे़ कलाकार सारंडा अथवा झारखण्ड के विभिन्न प्राकृतिक जंगलों व झरनों की तरफ आकर्षित होकर फिल्मों की सूटिंग हेतु कदम बढा़ने लगेंगे। इससे यहाँ के लोगों को रोजगार, कला के क्षेत्र में बढा़वा आदि मिलना प्रारम्भ होगा।
मनोज वाजपेई परिचय
मनोज बाजपेयी एक भारतीय फिल्म अभिनेता हैं, जो मुख्य रूप से हिंदी सिनेमा में काम करते हैं. उन्होंने तेलुगु और तमिल भाषा की फिल्में भी की हैं।दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और चार फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित स्टार मनोज बाजपेयी का जन्म बिहार के पश्चिम चंपारण के एक छोटे से गांव बेलवा में हुआ है। वह ग्रेजुएशन करने के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज गए। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन पर प्रसारित एक टेली-सीरियल स्वाभिमान से की थी। इसी सीरियल ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया । राम गोपाल वर्मा द्वारा निर्देशित 1998 की फिल्म सत्या में बड़ा ब्रेक मिलने से पहले मनोज द्रोह काल (1994) और बैंडिट क्वीन (1994) जैसी फिल्मों में कई छोटी भूमिकाओं में दिखाई दिए। भीकू महात्रे के रूप में उनके प्रदर्शन ने उन्हें कई पुरस्कार जीते, क्योंकि उन्होंने इस छोटे समय के गैंगस्टर के गर्म-सिर वाले और दयालु पक्षों को समान पैनकेक के साथ चित्रित किया।एक अन्य महत्वपूर्ण फिल्म अक्स रहीं जिसमें उन्होंने कई पुरस्कार जीते।उनके काम को जुबैदा (2001) और पिंजर (2003) जैसी फिल्मों में भी सराहा गया, जिसके लिए उन्होंने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और 2004 में वीर ज़ारा से नवाजा गया. मनोज वाजपेयी ने बॉलीवुड अभिनेत्री नेहा से शादी की है।