सुबोध कांत सहाय हो सकते हैं कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार, जी 23 के नेताओं के नाम पर भी सहमति की गुंजाइश?

New Delhi 19 may कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को जून के महीने में होने वाले राज्यसभा के चुनाव को लेकर नामों पर फ़ैसला करना है मगर सूत्रों के कुछ नामों पर सहमति बनने की गुंजाइश है. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस G23 में शामिल वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद और आनंद शर्मा को एक बार फिर से राज्यसभा भेज सकती है.
गौरतलब है कि दोनों ही नेता उदयपुर चिंतन शिविर में हिस्सा लेने पहुंचे थे जबकि कपिल सिब्बल न्यौते के बावजूद चिंतन शिविर में शामिल नहीं हुए थे. यही नहीं सूत्रों ने बताया कि, भूपिंदर सिंह हुड्डा ने आनंद शर्मा के लिए गांधी परिवार से खासी पैरवी भी की है.
इसके अलावा हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष पद से हाल में हटीं पार्टी की वरिष्ठ नेता कुमारी सैलजा और पार्टी के महासचिव और हरियाणा से ही दूसरे कद्दावर नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला को राज्यसभा भेजा जा सकता है. एक तरफ जहां सैलजा को हटा कर हुड्डा के करीबी को हरियाणा कांग्रेस की कमान सौंपी गई है, वहीं सुरजेवाला भी हुड्डा के पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी माने जाते हैं और पहले भी कई दफा उन्हें हुड्डा के दबाव में राज्यसभा नहीं दी गई थी.

देवड़ा भी जाएंगे राज्यसभा?

सूत्रों के मुताबिक, इसके अलावा कांग्रेस इस बार पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे मुरली देवड़ा के बेटे और पूर्व मंत्री मिलिन्द देवड़ा को भी राज्यसभा भेज सकती है. साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले और पूर्व केन्द्रीय मंत्री राजीव शुक्ला को भी राज्यसभा भेजा जा सकता है. वहीं पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश को भी राज्यसभा फिर से भेजा जा सकता है और उन्हें संगठन में भी बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है.
झारखंड के वरिष्ठ नेता सुबोध कांत सहाय को भी राज्यसभा भेजा जा सकता है. पार्टी इस बार अपने तेज़ तर्रार प्रवक्ता और दिल्ली में 15 साल तक मुख्यमंत्री रह चुकीं शीला दीक्षित के राजनीतिक सचिव रहे पवन खेड़ा को भी राज्यसभा भेजने पर विचार कर सकती है.
इसके अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता, महासचिव और राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले अजय माकन को भी राज्यसभा भेजा जा सकता है. प्रवीण चक्रवर्ती और दिनेश खोडनिया के नाम पर भी विचार हो सकता है. इनके अलावा, राहुल गांधी के करीबी जितेंद्र सिंह और के राजू के नामों पर भी विचार हो सकता है. हालांकि आखिरी फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी. कांग्रेस को उम्मीद है कि राजस्थान से 3, छत्तीसगढ़ से 2, मध्यप्रदेश से 1, महाराष्ट्र से 1, तमिलनाडु से 1, हरियाणा से 1, कर्नाटक से 1 सीटें कांग्रेस को मिलेंगी.

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