24 साल बाद रिकॉर्ड स्तर पर थोक व खुदरा महंगाई

नई दिल्ली,17 मई: बढ़ती महंगाई ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। खाने-पीने के सामान, ईंधन और बिजली के दाम में इजाफा होने से थोक महंगाई लगातार 13वें महीने डबल डिजिट में बनी हुई है। थोक मूल्य सूचकांक आधारित (डब्ल्यूपीआई) महंगाई दर अप्रैल में 15.08त्न पर पहुंच गई। दिसंबर 1998 के बाद पहली बार थोक महंगाई दर 15 प्रतिशत के पार पहुंची है। दिसंबर 1998 में ये 15.32 प्रतिशत पर थी। इससे पहले ये मार्च 2022 में ये 14.55 प्रतिशत पर, जबकि फरवरी में 13.11त्न पर थी। अप्रैल 2021 से थोक महंगाई डबल डिजिट में बनी हुई है। एक्सपर्ट्स के अनुसार खाने-पीने की चीजों और ईंधन के दाम बढऩे से महंगाई बढ़ रही है।
ईधन और ऊर्जा ने बढ़ाई महंगाई: अप्रैल महीने में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 8.35 प्रतिशत रही है, जो मार्च 2022 में ये 8.06 प्रतिशत पर थी। क्रूड पेट्रोलियम और नेचुरल गैस के लिए अप्रैल में इंफ्लेशन 69.07 प्रतिशत रहा। वहीं फ्यूल और पावर की महंगाई दर बढक़र 38.66 प्रतिशत पर जा पहुंची है, जो मार्च 2022 में 34.52 प्रतिशत रही थी। मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की महंगाई दर अप्रैल में 10.85 प्रतिशत रही है, जो मार्च 2022 में 10.71 प्रतिशत रही थी। सब्जियों, गेहूं, फल और आलू की कीमतें अप्रैल में सालाना आधार पर तेजी से बढ़ी जिसके चलते खाने के सामान की महंगाई 8.35 प्रतिशत रही। तेल और बिजली की बात करें तो इसमें 38.66 प्रतिशत की महंगाई जबकि मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की थोक महंगाई दर 10.85 और तिलहनों की 16.10 प्रतिशत रही।
8 साल के पीक पर रिटेल महंगाई: इससे पहले खाने-पीने के सामान से लेकर तेल के दाम बढऩे से रिटेल महंगाई 8 साल के पीक पर पहुंच गई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स आधारित रिटेल महंगाई दर अप्रैल में बढक़र 7.79 प्रतिशत हो गई। मई 2014 में महंगाई 8.32 प्रतिशत थी।

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