नई दिल्ली 17 may सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे कराने के वाराणसी कोर्ट के आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की याचिका पर बड़ा निर्देश जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परिसर में जिस जगह शिवलिंग मिला है, उस जगह को सुरक्षित रखा जाए। लेकिन, अदालत ने यह भी कहा कि लोगों को नमाज अदा करने से रोका न जाए। सुनवाई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और पीएस नरसिम्हा की बेंच में हुई।
मुस्लिम पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे हुफैजा अहमदी से सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह याचिका पूजा-अर्चना के लिए है, न कि मालिकाना हक के लिए इस पर अहमदी ने कहा था कि ऐसे में वहां के हालात ही बदल जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हिंदू पक्ष को भी नोटिस जारी किया है।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने निर्देश दिया- अगर शिवलिंग मिला है तो हमें संतुलन बनाना होगा। हम डीएम को निर्देश देंगे कि वह उस स्थान की सुरक्षा करें पर मुस्लिमों को नमाज से न रोका जाए।
अदालत में सुनवाई के दौरान किसने क्या कहा…
मुस्लिम पक्ष: सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे हुफैजा अहमदी ने कहा कि पूजा कि जिस तरह मांग की है, इससे तो हालात ही बदल जाएंगे। अहमदी ने कहा कि इसी अदालत ने कहा था कि 15 अगस्त 1947 को जो धर्म स्थल जिस स्थिति में थे, उन्हें नहीं बदला जा सकता। इस तरह के ऑर्डर (वाराणसी कोर्ट) में साजिश की बहुत आशंका है।
उन्होंने कहा कि आप परिसर को सील कैसे कर सकते हैं। गैरकानूनी निर्देशों की झड़ी लगी हुई है। अगर आप परिसर को सील कर देंगे तो ये यथास्थिति बरकरार रखने के निर्देश का उल्लंघन होगा। आप लोअर कोर्ट के सभी फैसलों पर रोक लगाने का आदेश दें।
यूपी सरकार: तुषार मेहता ने कहा कि वजूखाने में शिवलिंग मिला है, जो हाथ-पैर धोने की जगह है। नमाज की जगह अलग होती है। उन्होंने आगे कहा कि अगर नमाज पढ़ने की इजाजत दी गई तो शिवलिंग को नुकसान पहुंच सकता है। मेहता ने आगे कहा कि अगर किसी ने शिवलिंग पर पैर लगा दिया तो कानून-व्यवस्था की स्थिति प्रभावित हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट : कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह मामला मालिकाना हक का नहीं है, पूजा करने की परमिशन मांगी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि हम आदेश देंगे कि आपने जो आवेदन दाखिल किया है। सिविल कोर्ट उसका जल्द निपटारा करे। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने आदेश दिया कि अगर शिवलिंग मिला है, तो उसे सुरक्षित रखा जाए। साथ ही नमाजियों को न रोका जाए। कोर्ट ने कहा कि 19 मई को अगली सुनवाई होगी। हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष दोनों शामिल रहे।
SC ने तत्काल रोक से इनकार किया था
वाराणसी में काशी-विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर सैकड़ों वर्षों से विवाद जारी है। माना जाता है कि 1699 में मुगल शासक औरंगजेब ने मूल काशी विश्वनाथ मंदिर को तुड़वाकर ज्ञानवापी मस्जिद बनवाई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने 13 मई को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे पर तत्काल रोक लगाने से इनकार कर दिया था। कोर्ट मामले की लिस्टिंग के लिए सहमत हो गया था। कोर्ट ने कहा था कि मामले से जुड़े सारे दस्तावेज देखने के बाद ही कोई फैसला ले सकती है।
सर्वे के दौरान शिवलिंग मिला, कोर्ट ने जगह सील करने को कहा
बता दें कि वाराणसी कोर्ट के आदेश के बाद 3 दिन में सर्वे का काम पूरा हुआ है। वहीं, तीसरे दिन सोमवार को सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर के अंदर शिवलिंग मिला। इसके बाद हिंदू पक्ष की अपील पर वाराणसी कोर्ट ने डीएम को आदेश दिया कि जिस जगह शिवलिंग मिला है, उसे तत्काल सील कर दें।
वहां पर किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित किया जाए। कोर्ट ने डीएम, पुलिस कमिश्नर और सीआरपीएफ कमांडेंट को जगहों को संरक्षित और सुरक्षित रखने की व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदारी दी है। इसके बाद प्रशासन की टीम वहां पहुंची और अदालत के आदेशानुसार 9 ताले लगाकर साक्ष्य को सील किया।