धनबाद पालीटेक्निक में जमीन घोटाला, अब जांच के नाम पर लीपा पोती

धनबाद पालीटेक्निक में जबरदस्त ढंग से जमीन घोटाला किया गया और अब इसकी जांच के नाम पर उसी ढंग से लीपा पोती की कोशिश की जा रही है. प्राप्त सूचना और उच्च न्यायालय में दर्ज एक रिकार्ड के अनुसार 17.83 एकड पालीटेक्निक की अर्जित जमीन में 3 से 4 एकड़ जमीन 29 व्यक्तियों को दखल करने दिया गया और पिछले 4 वर्षों में अंचल कार्यालय से उनके नाम पर जमाबंदी कायम कर लगान रसीद भी काट दी गयी. अंचल कार्यालय और पालीटेक्निक प्रबंधन की इसमे बेमिसाल सांठगांठ की बात सामने आयी. य़ह मामला दबा ही रहता अगर राज्य तकनीकी शिक्षा निदेशालय ने उक्त लगभग 18 एकड़ भूखण्ड में 10 एकड़ जमीन एस एस एल एन टी महिला महाविद्यालय को देने का निर्णय नहीं किया होता. गले की हड्डी बन रहे इस मुद्दे को सलटाने के लिए भी उतना ही जबरदस्त फार्मूला ढूंढ लिया गया है. तकनीकी शिक्षा निदेशक ने गत 30 दिसम्बर 2021 को क्षेत्र और कॉलेज परिसर का दौरा किया और प्रबंधन के साथ बैठक भी की. पता चला है कि उस जमाबंदी के जरिए पालीटेक्निक की अर्जित भूमि जो अब 29 लोगों के दखल कब्ज़े में चली गयी है, को भूलकर प्रबंधन ने गंगा की धार की दिशा को ही बदलते हुए गैर अर्जित प्लॉट नंबर 427 पर बसे हुए 12 व्यक्तियों को अतिक्रमणकारी करार दिया है. य़ह खेल पूर्व में किए गए जमीन घोटाले जिसमें उपर्युक्त 29 खरीदार शामिल हैं, को बचाने -दबाने और सरकार की आँख में धूल झोंकने के लिए खेला जा रहा है. अंचल कार्यालय और पालीटेक्निक प्रबंधन के इस खेल का खुलासा जिला प्रशासन के स्तर पर स्वतंत्र रूप से या कोर्ट ऑफिसर बहाल करा कर जांच कराने पर ही खुल सकेगा, क्योंकि इस खेल में अंचल कार्यालय भी लिप्त है जो लीपा पोती में पालीटेक्निक प्रबंधन के साथ गलबहियाँ लगाए हुए है. विदित हो कि उक्त 29 वास्तविक अतिक्रमणकारी और फर्जी जमाबंदी वाले दखलकार पालीटेक्निक के पांडरपाला साइड पर हैं. उनको बचाने के लिए महिला कॉलेज के लिए जमीन की मापी डी वी सी बाउंड्रीवाल की तरफ से की जा रही है और गैर अर्जित प्लॉट संख्या 427 पर 12 कथित अतिक्रमणकारियों को चिन्हित किया जा रहा है. तकनीकी शिक्षा निदेशक जाने अनजाने प्रबंधन की करतूतों को ढंकने में ही लगे हुए बताये जाते हैं. सरकार और निदेशालय को आँख खोल कर स्वतंत्र जांच कराना चाहिए.

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