चांडिल : ग्रामीणों ने मनायी स्वतंत्रता सेनानी गंगानारायण सिंह जयंती – पारंपरिक पूजा पाठ के साथ किया गया स्मरण

चांडिल । नीमडीह प्रखंड के लुपुंगडीह जाहिरा मोड़ में आज स्वतंत्रता सेनानी शहीद गंगानारायण सिंह की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर ग्रामीणों ने श्रद्धांजलि दी। यहां पर लाया (पुजारी) देवेन सिंह सरदार द्वारा पारंपरिक तरीके से पूजा पाठ किया गया। बताया गया कि चुआड़ विद्रोह के महानयक स्वतंत्रता सेनानी वीर योद्धा गंगा नारायण सिंह का 232वां जन्म दिवस मनाया गया। इस अवसर पर आदिवासी युवा भूमिज मुंडा समाज के युवा नेता रविंद्र सरदार ने कहा कि 1832 – 1833 के विद्रोह काल में गंगानारायण सिंह ने चुआड़ विद्रोह कर अंग्रेजी शासन के दांत खट्टे कर दिए थे। अगस्त 1832 से लेकर फरवरी 1833 तक गंगानारायण सिंह के नेतृत्व में जंगल महल क्षेत्र बिहार के छोटानागपुर (अब झारखण्ड) बंगाल के पुरूलिया, बांकुडा के वर्धद्मान तथा मेदिनीपुर, उडीसा के मयूरभंज, क्योंझर और सुंदरगढ में वृहद आंदोलन किया गया था। अंग्रेजों ने गंगा नारायण सिंह का दमन करने के लिए हर तरह का प्रयास किया था लेकिन गंगा नारायण सिंह की चतुरता और युद्ध कौशल के सामने अंग्रेज टिक न सके। उन्होंने बताया कि इतिहास के पन्नों में दर्ज है कि वर्धद्मान, छोटानागपुर तथा उडीसा (रायपुर) के अंग्रेज आयुक्त, गंगा नारायण सिंह से परास्त होकर अपनी जान बचाकर भाग निकले थे। चुआड़ विद्रोह का संघर्ष इतना तेज और प्रभावशाली था कि अंग्रेज बाध्य होकर जमीन विक्रय कानून, उत्तराधिकारी कानून, लाह पर एक्साईज ड्यूटी, नमक का कानून, जंगल कानून वापस लेने के लिए विवश हो गए थे। इस मौके पर मौके पर आदि भूमिज मुंडा यूवा संगठन अध्यक्ष रविंद्र सरदार, ग्रामीण मुंडा जयनाथ सिंह, रसराज सिंह सरदार, सुबोध सिंह मुंडा, लक्ष्मण सिंह, कमल सिंह मुंडा, तपन सिंह, चंदन सिंह मुंडा, लालू सिंह, ईश्वर सिंह, रवींद्र सिंह सरदार, प्रभाकर महतो, बनेश्वर गोप रामलाल सिंह सरदार आदि लोग उपस्थित थे।

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