सीधी: MP के सीधी जिले के थानों में आरोपियों को लॉकअप में अर्धनग्न अवस्था में रखा जाता है, जिसकी एक वानगी आरोपियों की वायरल हुई अर्धनग्न तस्वीर बयां कर रही हैं। बल्कि तस्वीर वायरल होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है, वहीं पुलिस अधीक्षक ने मामले को बढ़ता देख दो थाना प्रभारियों के खिलाफ लाइन अटैच की कार्यवाही कर दी है। पुलिस का आरोप है कि सभी आरोपी थाने के बाहर रात में नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जिनके खिलाफ कार्यवाही की गई थी।
पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार श्रीवास्तव ने मामले को बढ़ता देख सिटी कोतवाली थाना प्रभारी मनोज सोनी और अमिलिया थाना प्रभारी अभिषेक सिंह के खिलाफ लाइन अटैच की कार्यवाही कर दी। आरोपियों की वायरल हो रही तस्वीरों में एक यूट्यूबर पत्रकार भी शामिल है जिसकी वजह से मामला और तूल पकड़ता जा रहा है, लेकिन सिटी कोतवाली थाना पुलिस उन्हें पत्रकार नहीं मान रही है। पुलिस का मानना है कि तथाकथित पत्रकार उस वक्त प्रदर्शनकारियों के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जिनके खिलाफ कार्यवाही की गई थी। हालांकि, तस्वीर वायरल हुई है जिस पर पुलिस अधीक्षक ने दो थाना प्रभारियों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए लाइन अटैच कर दिया है।।
बरहाल, थाने के अंदर आरोपियों को अर्धनग्न रखना और उनकी तस्वीर वायरल करना इसके पीछे पुलिस की क्या मंशा रही है यह अब तक साफ नहीं हो सका है। फिलहाल, पुलिस अधीक्षक ने दो थाना प्रभारियों को लाइन अटैच कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
मध्य प्रदेश के सीधी के कोतवाली थाने में पत्रकार के कपड़े उतरवाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। रीवा ज़ोन के आईजी ने इस मामले में थाना प्रभारी और एक सब इंस्पेक्टर को लाइन अटैच कर दिया है। कांग्रेस भी इस मामले में हमलावर हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे ‘लॉकअप में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का चीरहरण’ बताया। इस मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस नरेन्द्र कुमार जैन ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) रीवा से एक सप्ताह में जवाब मांगा है। दरअसल, सीधी के कोतवाली थाने में पत्रकार कनिष्क तिवारी और अन्य लोगों पर धारा 151 के तहत केस दर्ज किया गया था। मामला भाजपा विधायक केदारनाथ सिंह से जुड़ा हुआ है। पत्रकार और रंगकर्मियों से थाने में कपड़े उतरवाए गए थे और उन्हें अंडरवियर में ही लॉकअप में बंद किया गया। इस मामले में थाना प्रभारी मनोज सोनी की सफाई भी सामने आई है। मनोज सोनी ने कहा कि पकड़े गए लोग पूरी तरह से न्यूड नहीं हैं। उन्होंने अंडरवियर पहन रखी है। हम सुरक्षा की दृष्टि से अपराधियों को हवालात में अंडरवियर में रखते हैं। पूरे कपड़े पहने होने पर अपराधी फांसी भी लगा सकते हैं। इस तरह की घटनाएं भी खूब हो रही हैं। इस वजह से हमने उनके कपड़े उतरवा लिए थे।
सीधी कोतवाली थाने के प्रभारी ने सफाई में कहा कि आरोपियों की सुरक्षा के लिए उनके कपड़े उतरवाए थे।
राहुल गांधी बोले- लॉकअप में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का चीरहरण
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मामले में अमर उजाला की खबर का स्क्रीनशॉट करते हुए लिखा कि ‘लॉकअप में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का चीरहरण! या तो सरकार की गोद में बैठकर उनके गुणगान गाओ, या जेल के चक्कर काटो। ‘नए भारत’ की सरकार, सच से डरती है।’
वहीं, मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मध्यप्रदेश के सीधी में मीडिया से जुड़े लोगों की जिस तरह की तस्वीरें सामने आई है, वह बेहद शर्मनाक है। जिस तरह के राजनीतिक दबाव की बात सामने आ रही है, उसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। इस पूरे मामले में दोषियों पर जो कार्यवाही की गई है, वह नाकाफी है। जिम्मेदारों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं अरुण यादव, पीसी शर्मा, अजय सिंह से लेकर कई अन्य नेताओं ने इस मामले में शिवराज सरकार को घेरा था।