Chandil,31 March: सरायकेला – खरसवां जिले में चांडिल थाना क्षेत्र के लाखा स्थित बिहार स्पंज आयरन लिमिटेड/बनराज स्टील और स्थानीय रैयतों के बीच समय समय पर उत्पन्न होने वाले गतिरोध पर कब स्थायी पूर्णविराम लगेगा, किसी को पता नहीं चल रहा है। आए दिन अपनी मांगों को लेकर रैयत /जमींनदाता आंदोलन शुरु करते हैं। फिर कुछ दिन बाद प्रबंधन के साथ वार्ता होती हैं, शर्तों पर विचार विमर्श होता हैं, लिखित समझौता होने के बाद आंदोलन स्थगित हो जाता हैं और पुनः कुछ दिनों बाद फिर आंदोलन शुरू कर दिया जाता है। इस पूरे खेल को अभीतक कोई समझ नहीं पाया है कि आख़िर अंदरूनी मामला क्या है? फिलहाल इस खेल को समझना मुश्किल है। एक तरफ कंपनी दावा करती हैं कि प्रबंधन की ओर से रैयतों की सभी शर्तों को मान लिया गया है और उसी अनुरूप काम चल रहा हैं तो दूसरी ओर जमींनदाताओं ने प्रबंधन पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है। हलांकि, प्रबंधन और रैयतों के खेल से इतर लोगों का मानना है कि चंद रसूखदारों के खेल में रैयत और प्रबंधन फंस गए हैं जिस कारण स्थायी समाधान नहीं हो पा रहा है। कंपनी प्रबंधन ने इससे पहले आंदोलनकारी रैयतों पर ही कई गंभीर आरोप लगाया था। प्रबंधन ने आधिकारिक तौर पर कुछ लोगों द्वारा निजी स्वार्थ सिद्धि करने के लिए अड़चन डालने का आरोप लगाया था।
गुरुवार को कंपनी प्रबंधन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि गत दो मार्च को पँचग्राम विस्थापित एवं प्रभावित समिति छोटालाखा के साथ हुई वार्ता में 11 शर्तों पर सहमति बनी है जिसमें मुख्यतः वर्कर्स कैंटीन का संचालन, प्लांट वेस्टेज मेटेरियल वर्क, रैक क्लीनिंग वर्क, सिविल वर्क, बैग पैकेजिंग, स्थानीय लोगों को नौकरी आदि शर्तें शामिल हैं। प्रबंधन ने बताया है कि वर्कर्स कैंटीन का संचालन समिति को दिया गया हैं जिसके लिए पत्र भी जारी कर दिया गया है और इसे अंतिम रूप देने के लिए समिति के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है। प्लांट वेस्टेज मेटेरियल वर्क के लिए भी समिति को बुलाया गया है। इसमें ईएसपी डस्ट 100 मीट्रिक टन स्टोरिंग में देने पर सहमति बनी है। प्रबंधन ने बताया कि रैक क्लीनिंग का काम समिति द्वारा किया जा रहा है। समिति के वाइस प्रेसिडेंट कामेश्वर बेसरा के साथ सिविल वर्क की बात हुई हैं, सर्वे के लिए जाना है। बैग पैकेजिंग का काम अभी तक शुरू नहीं हुआ हैं, जो शुरू होने पर समिति को ही काम दिया जाएगा। प्रबंधन ने बताया कि एचआर हेड निजी काम से बाहर हैं, उनके आते ही स्थानीय लोगों को नौकरी देने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके अलावा स्कूल फीस में भी 50 प्रतिशत की छूट देने पर सहमति बनी है। कंपनी प्रबंधन के ए० के० सोलंकी ने जो प्रेस विज्ञप्ति जारी की है, उससे रैयतों के आंदोलन पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं।
इधर, पँचग्राम विस्थापित प्रभवित समिति के बैनर तले गुरुवार को बैठक हुई। समिति के पदाधिकारियों का आरोप है कि गत दो मार्च को त्रिपक्षीय वार्ता में 11 शर्तों पर सहमति बनने के बाद अब तक किसी भी शर्त पर पहल नहीं हुई है। गत दो मार्च हुई वार्ता में जिन शर्तों पर सहमति बनी थी उन शर्तों पर पहल करने के लिए 31 मार्च तक का समय दिया गया था। समिति का आरोप है कि प्रबंधन ने तय समय सीमा में किसी भी शर्त पर पहल नहीं की जिसके लिए आंदोलन किया जाएगा। तदनुसार बनराज स्टील कंपनी गेट के समक्ष पँचग्राम विस्थापित एवं प्रभावित समिति की बैठक में आगामी दो अप्रैल से आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया गया।