टाटा समूह की ओर से सोमवार को एक बड़ा एलान किया गया। दरअसल, एयर इंडिया के अध्यक्ष पद के लिए चल रही जद्दोजहद के बीच ग्रुप ने टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को आधिकारिक तौर पर एयरलाइन का नया अध्यक्ष चुना है। इस संबंध में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को हुई बोर्ड बैठक में चंद्रशेखरन की नियुक्ति पर मुहर लगाई गई।
अयासी के इनकार के बाद फैसला
इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन के पूर्व सीएमडी एलिस गीवर्गीस वैद्यन को भी बोर्ड में एक स्वतंत्र निदेशक के रूप में शामिल किया जाएगा। बता दें कि 69 साल बाद टाटा संस के पास वापस आने के बाद से यानी एयर इंडिया के अधिग्रहण के बाद चेयरमैन की खोज जोर-शोर से की जा रही थी। इस बीच तुर्किश एयरलाइंस के पूर्व चेयरमैन इल्कर अयासी का नाम चेयरमैन के तौर पर सामने चुना गया था। लेकिन, कुछ दिनों बाद ही उन्होंने एयर इंडिया के सीईओ बनने से इनकार कर दिया था।
कौन हैं नटराजन चंद्रशेखरन
एन. चंद्रशेखरन का जन्म 1963 में तमिलनाडु के मोहनूर में हुआ था। इन्होंने नेशनल इंस्ट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एमसीए की पढाई की है। चंद्रशेखरन 1987 में टाटा समूह के साथ जुड़े थे और उन्हीं के नेतृत्व में टीसीएस टाटा समूह की सबसे बड़ी कंपनी बनने के साथ-साथ मुनाफे के टर्म्स में भी सर्वाधिक कामयाब साबित हुई। चंद्रा के नाम से मशहूर चंद्रशेखरन को अक्टूबर 2016 में टाटा संस के बोर्ड में शामिल किया गया था। जनवरी 2017 में उन्हें चेयरमैन नियुक्त किया गया था और फरवरी 2017 में उन्होंने यह पद संभाला था। वह टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर और टीसीएस जैसी कंपनियों के बोर्ड में भी चेयरमैन हैं। चंद्रशेखरन नटराजन, जिन्हें ‘चंद्रा’ के नाम से भी पुकारा जाता है।
हाल ही में बढ़ाया गया था कार्यकाल
गौरतलब है कि टाटा संस बोर्ड ने हाल ही में अगले पांच वर्षों के लिए कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में एन चंद्रशेखरन के कार्यकाल को बढ़ाया था। बोर्ड ने पिछले पांच साल के कार्यकाल की समीक्षा करते हुए, उनके कार्यकाल को पांच वर्ष का विस्तार देने का फैसला किया था। इस फैसले को लेने के लिए टाटा संस की इस बोर्ड मीटिंग में टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा भी मौजूद थे, जिन्होंने एन चंद्रशेखरन के नेतृत्व में टाटा समूह की प्रगति और प्रदर्शन पर संतोष जताया। रतन टाटा समेत बोर्ड के सदस्यों ने भी एन चंद्रशेखरन के कार्यकारी अध्यक्ष कार्यकाल की सराहना करते हुए अगले पांच साल के लिए उनके पुनर्नियुक्ति को मंजूरी दे दी थी।