साहिबगंज : शनिवार को संताल हूल विद्रोह के महान नायक वीर शहीद सिदो मुर्मू – कान्हू मुर्मू के गांव भोगनाडीह में बीरमाटी को मुट्ठी में लेकर झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, असम व बिहार प्रदेशों के सेंगेल प्रतिनिधि “सेंगेल शपथ सभा” में शामिल हुए। शपथ शपथ ली गई कि 10 प्रमुख मांगों और लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए जी जान से लग जाएंगे।
जिसमें भारत सरकार और अन्य सरकारें आदिवासियों के प्रकृतिपूजा धर्म – सरना धर्म कोड को अविलंब मान्यता प्रदान करें और जनगणना में शामिल करें। झारखंड में राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त संताली भाषा को अविलंब प्रथम राजभाषा का दर्जा प्रदान करें और बाकि सभी झारखंडी भाषाओं को समृद्ध करें। झारखंडी डोमिसाइल, न्यायपूर्ण आरक्षण और नियोजन नीति लागू करें। सभी नौकरियों को प्रखंडवार कोटा बनाकर केवल प्रखंड के आवेदकों से भरे। सीएनटी/ एसपीटी कानून की रक्षा करते हुए वीर शहीदों सिदो मुर्मू और बिरसा मुंडा के वंशजों के सम्मान, सुरक्षा और समृद्धि के लिए अविलंब दो ट्रस्ट का गठन करें। प्रत्येक को 100 करोड़ का फिक्स डीपोजिट प्रदान करे। असम- अंडमान आदि के झारखंडी आदिवासियों को अविलंब एसटी का दर्जा प्रदान करें। विस्थापन- पलायन, ह्यूमन ट्रैफिकिंग को बंद करें। शहीद सिदो मुर्मू के वंशज रामेश्वर मुर्मू और रूपा तिर्की के संदिग्ध मौतों की सीबीआई जांच करें। सती प्रथा की तरह डायन प्रथा को खत्म करें। आदिवासी महिला, युवा- छात्रों को न्याय, सम्मान, अधिकार, रोजगार प्रदान करें।
सेंगेल (सशक्तिकरण) शपथ सभा के पूर्व 5 प्रदेशों से आये प्रतिनिधि पहले शहीद पार्क में जाकर शहीदों को नमन किया। फिर रैली कर सिदो मुर्मू स्टेडियम में एकत्रित हुए। बिमो मुर्मू की अध्यक्षता में शपथ सभा हुआ। उसके पहले सिदो मुर्मू के वंशज की तरफ से उपस्थित मंडल मुर्मू, बिटिया हेम्ब्रम, कापरा किस्कु, बहा टुडू ने सबको बीरमाटी प्रदान किया पूर्व सांसद सालखन मुर्मु ने सबको एकता प्रार्थना और शपथ दिलाया। ततपश्चात ओडिशा के सेंगेल सभापति नरेंद्र हेम्ब्रम, बिहार के सेंगेल सभापति विश्वनाथ टूडू, बंगाल के सेंगेल सभापति पनमनी बेसरा, असम के सेंगेल सभापति पांडू मुर्मू और झारखंड के सेंगेल सभापति देवनारायण मुर्मू ने अपने वक्तव्य रखा । उसके बाद संताल परगना क्षेत्र के युवा अध्यक्ष अमर मरांडी, प्रो0 रजनी मुर्मू , केंद्रीय संयोजक सुमित्रा मुर्मू ने अपनी बातों को रखा । उसके बाद सलखान मुर्मु ने तीन चीजों पर फोकस करते हुए अपनी बात को रखा। पहला कि सरना धर्म कोड को हर हाल में मान्यता दिलाना है। दूसरा संताली भाषा को हर हाल में झारखंड की प्रथम राजभाषा का दर्जा दिलाना है। आदिवासी गांव समाज में पढ़े लिखे स्त्री पुरुषों को दायित्व लेना और देना है। अंत में सेंगेल के संताल परगना अध्यक्ष कमिश्नर मुर्मू ने धन्यवाद दिया और शपथ सभा समाप्त की गई। शपथ सभा की पूरी कार्रवाई संताली भाषा मे हुई। यह भी शपथ लिया गया कि संताली राजभाषा रैली 30 अप्रैल 2022 रांची चलो। सरना धर्म कोड रैली 30 जून 2022 दिल्ली चलो। को जोरदार सफल बनाना है।