रांची मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन कहा कि स्थानीयता नीति पर उच्च न्यायालय के आदेश पर अध्ययन हो रहा है। इससे पहले इस मुद्दे पर जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि यह मामला विचाराधीन है। लंबोदर महतो के प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने यह जवाब दिया। विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि स्थानीय नीति बेहद अहम है। पूर्व की सरकार में बनी नीति को रद्द किया जाना चाहिए। आलमगीर आलम ने कहा कि स्थानीय नीति पर जल्द निर्णय होगा।
झारखंड में शराबबंदी का कोई प्रस्ताव नहीं : हेमंत सोरेन
उधर, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बजट सत्र के दौरान सदन में आज यह स्पष्ट कर दिया है कि झारखंड सरकार शराबबंदी लागू नहीं करेगी। सरकार के पास इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं है। मालूम हो कि झामुमो के विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने पिछले दिनों सदन में मुख्यमंत्री से झारखंड में शराबबंदी लागू करने की मांग की थी। मालूम हो कि झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन ने भी झामुमो के स्थापना दिवस पर शराबबंदी की वकालत की थी।
2,698 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश
विपक्ष के रार के बीच वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने अनुपूरक बजट पेश किया है। 2,698 करोड़ का बजट पेश किया गया है। बजट पेश करने के साथ ही भोजनावकाश के लिए दोपहर दो बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
भाजपा विधायकों ने की नारेबाजी
इससे पहले सदन की जैसे ही कार्रवाई प्रारंभ हुई। भाजपा के विधायकों ने सदन के अंदर खड़े होकर नारेबाजी शुरू कर दी। वह बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता देने की मांग कर रहे थे।स्पीकर ने कहा कि सुनवाई चल रही है। जल्द निर्णय हो जाएगा। नारेबाजी के बीच प्रश्नकाल आरंभ किया गया। अपनी मांगों को लेकर भाजपा विधायक आसन के सामने आ गए। कहा कि स्पीकर इतने गंभीर मुद्दे पर स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे हैं। स्पीकर के समझाने पर वह अपनी सीट पर लौट कर नारेबाजी करने लगे।
भानु ने किया बड़ा हमला
भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने,पार्टी के प्रश्नों का उत्तर नहीं मिलने पर नाराजगी जताई। विधायक ने कहा कि सरकार चला रहे हैं या डमरू बजा रहे हैं। मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने शाही के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें माफी मांगनी चाहिए। नारेबाजी व हंगामे के बीच मुख्यमंत्री प्रश्नकाल आरंभ हो गया।
अपनी-अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन
इससे पहले विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों ने विधानसभा के बाहर अपनी-अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। भाजपा के विधायकों ने बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा देने की मांग को लेकर धरना दिया। पोस्टर के साथ नारेबाजी की। वहीं कांग्रेस ने राज्य पिछड़ा आयोग के गठन की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। विभिन्न आदिवासी संगठनों ने मानव श्रृंखला बनाकर खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू करने की मांग की।
भाजपा आक्रामक, विधायक बोले बाबूलाल से डरी सरकार
नेता प्रतिपक्ष के मुद्दे पर भाजपा आक्रामक है। विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि सरकार के इशारे पर स्पीकर 2 वर्षों से बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनाव में बाबूलाल को भाजपा विधायक का दर्जा दे दिया।