चांडिल : सरायकेला – खरसवां जिले के चांडिल थाना अंतर्गत बड़ालाखा स्थित बिहार स्पंज आयरन लिमिटेड कंपनी (अब वनराज स्टील) के खिलाफ फिर एक बार जमींदारों ने मोर्चा खोल दिया है। इस बार की रैयतों आंदोलन रैक लोडिंग – अनलोडिंग को लेकर है। पंच ग्राम विस्थापित एवं प्रभावित समिति के बैनर तले आज सैकड़ों की तादाद में पारंपरिक हथियारों से लैस रैयतदारों ने पैदल मार्च कर बाहरी ठेकेदारों को रेलवे का लोडिंग – अनलोडिंग का काम दिए जाने का विरोध किया। रैयतों ने बड़ालाखा तथा मानीकुई स्थित बिहार स्पंज आयरन कंपनी जाने वाली रेलवे ट्रैक पर लाल झंडा गाड़ दिया और विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वाले रैयतों का कहना है कि वनराज स्टील कंपनी साथ जो समझौता हुआ था, उस समझौते का कंपनी ने उलंघन किया है। रैयतों के प्रदर्शन की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची चांडिल पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की जोरदार नोक झोंक हुई। जिसके बाद रैयतों में आक्रोश व्याप्त है।
पंच ग्राम विस्थापित एवं प्रभावित समिति के सचिव आशुतोष बेसरा ने कहा कि जबतक रेलवे का लोडिंग – अनलोडिंग का वर्क ऑर्डर समिति को नहीं दी जाती है तबतक रेलवे ट्रैक जाम रहेगी।
इधर, शाम को अऔपचारिक बैठक हुई। बैठक में समिति का प्रतिनिधिमंडल तथा बीएसआईएल व बनराज स्टील प्रबंधन के अधिकारी मौजूद रहे। वहीं, सीएम हेमंत सोरेन के मामा गुरुचरण किस्कु भी बैठक में उपस्थित रहे। बैठक में समिति के सदस्यों ने कंपनी प्रबंधन पर वादाखिलाफी करने का आरोप लगाया। वहीं, समिति ने आज की घटना को लेकर नाराजगी जताते हुए कहा कि कंपनी और रैयतों के बीच के विवाद में पुलिस – प्रशासन को बुलाया जाना कंपनी प्रबंधन के चरित्र पर सवाल खड़े कर रहे हैं। इस दौरान बैठक में रैयतों ने कहा कि प्रबंधन के इशारे पर आई पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के साथ दुर्व्यवहार किया। वहीं, चांडिल थानेदार ने सीधे तौर पर केस दर्ज करके जेल भेजने की धमकी दी है, जिसपर सीएम हेमंत सोरेन के मामा गुरुचरण किस्कु ने दुख जताया और थाना प्रभारी की कड़ी निंदा की। बैठक में गुरुचरण किस्कु समेत समिति के सदस्यों ने कंपनी प्रबंधन को दो टूक बात कही। रेलवे रैक लोडिंग – अनलोडिंग का वर्क ऑर्डर समिति को दिया जाय तथा कंपनी के अन्य कामों भी समिति की भगीदारी सुनिश्चित करें, अन्यथा कंपनी चलाना मुश्किल है। समिति के सचिव आशुतोष बेसरा ने कहा कि रेलवे अथवा कंपनी ने रैयतों की जमीन अधिग्रहण नहीं किया है, बल्कि आपसी तालमेल में ही रैयतों ने जमीन को उपयोग के लिए दी है ताकि रोजगार मिले। वर्तमान समय में भी अधिकांश जमीन के दस्तावेज रैयतों के नाम पर हैं, उक्त जमीन का राजस्व भुगतान भी रैयत स्वयं कर रहे हैं। इसलिए पूर्व की भांति प्रबंधन को रैयतों के साथ आपसी तालमेल बना कर चलना चाहिए, तभी शांतिपूर्ण तरीके से कंपनी चकेगी, अन्यथा कंपनी चलना मुश्किल होगा। आज शाम की बैठक किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंची। समिति की ओर से प्रबंधन को कल सुबह आठ बजे तक का अल्टीमेटम दिया गया है, अन्यथा कंपनी को बंद करने के लिए हजारों की संख्या में ग्रामीण इक्क्ठा होंगे।
कुछ स्वार्थी तत्त्व अपने निजी स्वार्थ के लिए कंपनी बन्द कराने पर उतारू-प्रबंधन
वनराज स्टील्स प्राइवेट लिमिटेड (वीएसपीएल) कंपनी का कहना है कि प्रबंधन और ग्रामीणों के आपसी मित्रवत सामंजस्य से ही चांडिल क्षेत्र का विकास संभव हो सकता है परंतु कुछ स्वार्थी तत्त्व अपने निजी स्वार्थ के लिए कंपनी बन्द कराने पर उतारू हैं।
प्रबंधन का कहना है कि अब तक कंपनी में लगभग 350 लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कंपनी में रोजगार कर अपना परिवार पालन कर रहे है। क्षेत्र का विकास भी हो रहा है परंतु कुछ तत्व अपने निजी फायदे के लिए रेलमार्ग बाधित कर कंपनी के उत्पादन को नुकसान पहुँचा रहे हैं हालांकि कंपनी ने रेक सफाई का काम व ढुलाई का काम ग्राम समिति के माध्यम से ही करा रही है। प्रबंधन ने यह भी कहा कि ठेका लेने के लिए कंपनी पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है। तथा झूठे एससीएसटी मुकदमे में फसाने की धमकी भी दी जा रही है इससे पूर्व भी कंपनी के दो अधिकारियों के विरुद्ध ये स्वार्थी तत्व झूठा केस कर चुके हैं।
इस बाबत वनराज स्टील्स प्राइवेट लिमिटेड (वीएसपीएल) कंपनी प्रबंधन ने बताया की चांडिल क्षेत्र में विकास की काफी संभावनाएं हैं और ग्रामीणों के परस्पर सहयोग से ग्रामीणों का सर्वांगीण विकास और पुरे चांडिल सहित आस-पास के क्षेत्रों का विकास की एक नयी इबारत लिख सकते हैं।