नई दिल्ली, ।15 साल तक बच्चों के टीकाकरण के बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को संसद को बताया कि सरकार विशेषज्ञ समूह के सुझावों के आधार पर फैसला करेगी। राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान मांडविया ने पूरक सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की। इससे पहले सदस्यों ने देश के विभिन्न हिस्सों में स्कूलों के फिर से खुलने से बच्चों की सुरक्षा को लेकर पैदा खतरों को लेकर चिंता जताई।
स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने कहा कि सरकार ने इस संबंध में सुझाव देने के लिए विशेषज्ञों का एक समूह गठित किया है कि किस आयु वर्ग को पहले कोविड टीका दिया जाए।
उन्होंने कहा कि अभी 15-18 वर्ष के आयु वर्ग के किशोरों का टीकाकरण चल रहा है। इस आयु के करीब 67 प्रतिशत किशोरों को पहली डोज दे दी गई है। 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के टीकाकरण के लिए फैसला विशेषज्ञ समूह के सुझाव के आधार पर किया जाएगा।
97.5 प्रतिशत लाभार्थियों को पहली डोज लगी
उन्होंने कहा कि भारत में 97.5 प्रतिशत पात्र लाभार्थियों को टीके की पहली डोज दे दी गई है और उनमें से 77 प्रतिशत लोगों को दूसरी डोज भी लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि विकसित देशों में, 90 प्रतिशत से अधिक लोगों को पहली डोज नहीं लगी है। उन्होंने कहा कि भारत कोविड संकट से बेहतर तरीके से निपट रहा है।
मांडविया ने बताया कि मौजूदा समय में कोरोना का ओमिक्रोन वैरिएंट देश में प्रभावी वैरिएंट बना हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि 21 जनवरी के बाद से देश में कोरोना संक्रमण के मामलों गिरावट का रुख बना हुआ है।
एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते जान गंवाने वाले 1,616 स्वास्थ्यकर्मियों के स्वजन को बीमा दावों के रूप में 808 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़ों के छिपाती नहीं है। केंद्र को राज्य सरकारों से ही ये आंकड़े मिलते हैं।