जमशेदपुर। केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी व महंगाई के विरोध में केंद्रीय श्रमिक संगठनों का लगातार आंदोलन जारी है। इसी सिलसिले में केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने 23 व 24 फरवरी को प्रस्तावित देशव्यापी हड़ताल बुलाई थी लेकिन कोरोना महामारी की पूरे देश में चल रही तीसरी लहर व उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव को देखते हुए फिलहाल हड़ताल को 28 से 29 मार्च तक टाल दी है। आगे देशव्यापी हड़ताल को लेकर केंद्रीय श्रमिक संगठनों की फिर बैठक होगी जिसमें तारीख का निर्धारण किया जाएगा। इंटक के प्रदेश अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय ने कहा कि केंद्र सरकार के मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध में आंदोलन जारी रहेगा। मजदूरों को उनका हक दिलाना संगठनों की प्राथमिकता है। जिस तरह से पूरे देश में निजी करण को बढ़ावा दिया जा रहा है उससे आने वाले दिनों में मजदूरों का और शोषण बढ़ेगा।
केंद्रीय श्रमिक संगठनों के एक संयुक्त मंच ने शनिवार की देर रात घोषणा की है कि देशव्यापी हड़ताल को फिलहाल टाल दिया गया है। कोरोना महामारी की तीसरी लहर और पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों को देखते हुए सरकारी नीतियों के खिलाफ 23-24 फरवरी को प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी हड़ताल एक महीने के लिए टाल दी है।
श्रमिक संगठनों के एक संयुक्त बयान में कहा गया कि केंद्रीय ट्रेड यूनियनों (सीटीयू) और क्षेत्रीय कर्मचारी संघों एवं संगठनों के संयुक्त मंच की हुई ऑनलाइन बैठक में दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल को 28-29 मार्च तक टालने का फैसला किया गया। नेशनल कन्वेंशन ऑफ वर्कर्स ने 11 नवंबर, 2021 को तय किया था कि संसद के बजट सत्र के दौरान 23-24 फरवरी को देशव्यापी हड़ताल आयोजित की जाएगी। साझा बयान के अनुसार, कई राज्यों और क्षेत्रों में हड़ताल की तैयारी शुरू हो गई है, कुछ राज्यों में संयुक्त राज्य स्तरीय सम्मेलन और यहां तक कि जिला स्तरीय सम्मेलन भी हो चुके हैं। हालांकि कई राज्यों ने महामारी की तीसरी लहर के कारण हड़ताल की तैयारियों पर गंभीर बाधाओं के बारे में सूचना दी है।