पोटका : कौशल विकास के नाम पर स्वरोजगार के लिये पूर्वी सिंहभूम के तीन प्रखडों से बेंगलोर ले जाकर प्रताडि़त किये जाने वाली छह युवतियों मुक्त करा लिया गया है। उनको रांची लाया जा रहाहै। कल शुक्रवार को रांची पहुंचने की संभावना है। उन्हें बंधक बना रखा गया था और उन्हें घर नहीं आने दिया जा रहा था. युवतियों ने इसकी जानकारी पोटका के विधायक संजीव सरदार को देते हुए मदद की गुहार लगाई थीै .
इसके बाद श्रम मंत्री के निर्देश पर राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष हरकत में आया। नियंत्रण कक्ष की तरफ से बेंगलुरु में तैनात अपने कर्मी अपूर्व यादव को मौके पर भेजा। उन्होंने वहां प्रशासन की मदद से सभी लड़कियों को मुक्त करा रांची के ट्रेन से वापस भेज दिया है। रांची में श्रम विभाग में इनकी जांच व काउंसिलिंग की जाएगी।
इस संबंध में पोटका प्रखंड के अनिता सरदार (खापरसाई),कमीला सिंह (तिरिलडीह),पटमदा प्रखंड के अलावती सिंह (गोटा),रामनी हांसदा (गोटा),मुसाबनी के अंजली पान एवं अनिता मनिका ने बताया कि विगत 17 दिसंबर को उन्हें कौशल विकास केंद्र डिमना मानगो से तीन माह सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण करा रोजगार देने की बात कहकर बेंगलोर लाया गया था, यहां लाने के उपरांत ना तो हमे सही तरीके से रहने की व्यवस्था दी गई है ना तो खाने पीने की. जब हमलोगों ने इसकी शिकायत यहां के वार्डेन से की. अब उनलोगों ने हमें धमकी देकर प्रताडि़त करना शुरू कर दिया . जबसे हमने वार्डेन से घर जाने की मांग की तो हमें कमरे में बंद कर रखा जा रहा था जिससे सभी भयभीत थीै. सभी युवतियों ने विधायक संजीव सरदार से मदद की गुहार लगाते हुए उन सभी को सकुशल अपने घरों तक पहुंचाने की मांग की थीै.