चाईबासा कार्यालय पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने मेसर्स शाह ब्रदर्स, करमपदा लौह अयस्क खदान में अवैध माइनिग एवं अवैध उठाव मामले में पश्चिम सिंहभूम के जिला खनन पदाधिकारी को आज पत्र सौंपकर शिकायत की है। पत्र में श्री कोड़ा ने कहा है कि राज्य सरकार के खनन एवं भू-तत्व विभाग द्वारा प. सिंहभूम जिला में मेसर्स शाह ब्रदर्स करमपदा कंपनी को लौह अयस्क खदान में पूर्व में खनन की भंडारित मात्रा 570000 मीट्रिक टन लौह अयस्क के उठाव की अनुमति शर्तों के साथ दी गयी है. जानकारी के अनुसार अब तक शाह ब्रदर्स द्वारा लगभग 1 लाख टन लौह अयस्क का उठाव किया जा चुका है और अब भी उठाव जारी है. शाह ब्रदर्स करमपदा लौह अयस्क खदान मालिक एवं कम्पनी के लोग मिलकर पूर्व में खनन कर भंडारित लौह अयस्क को शर्तों को ताक पर रखकर वर्तमान में खनन कर स्टॉक कर खदान से बाहर भेजा जा रहा है. जबकि शर्तों के अनुसार खदान मालिक को केवल भंडारित लौह अयस्क का उठाव मात्रा एवं गुणवत्ता के अनुसार करने की शर्त दिया गया है. यह कार्य खनन एवं भू-तत्व विभाग की देखरेख में किया जाना है. श्री कोड़ा ने सवाल उठया है कि कि खदान मालिक द्वारा खदान के अंदर लौह अयस्क का खनन कर बाहर कैसे भेजा जा रहा है. क्या खनन विभाग समय-समय पर स्थल में जा कर निरीक्षण कर रहा है. अगर नहीं कर रहा है, तो खनन विभाग द्वारा अवैध खनन को नजरअंदाज कैसे किया जा रहा है. दूसरी और खदान में खनन किये गये लौह अयस्क की गुणवत्ता एवं मात्रा को लेकर आपने-आप में भारी अंतर है. मात्रा और गुणवत्ता को लेकर खदान मालिक ने सरकार को गलत हलफनामा देकर सरकार को गुमराह किया है. ताकि अधिक से अधिक अवैध खनन कर लौह अयस्क को बाहर भेजा जा सके और सरकारी राजस्व की चोरी की जा सके. खदान मालिक ने पूर्व सरकार को वार्षिक रिपोर्ट में भंडारित लौह अयस्क की मात्रा 370000 मीट्रिक टन दिखायी थी. इसके बाद इस मात्रा को बढा कर 570000 मीट्रिक टन दिखाया गया, ताकि ज्यादा से ज्यादा अवैध खनन कर काला बाजारी की जा सके. इतनी गंभीर गड़बड़ी सरकार की निगरानी के बावजूद कैसे हो रही है. इससे सरकार पर भी सवालिया निशान लगना लाजिमी है. कोई खदान मालिक इतना बड़ा दु:साहस कैसे कर सकता है? किसी भी खदान मालिक को अवैध खनन की इजाजत नहीं दी जा सकती है. यह केवल राजस्व की हानि नहीं है. यह सरकार के महकमा के प्रतिष्ठा को हानि पहुंचाती है. श्री कोड़ा ने शाह ब्रदर्स, करमपदा माइंस द्वारा लौह अयस्क की परिवहन अनुमति को रोक कर जांच कर कार्रवाई की मांग पत्र में की है। इसकी प्रतिलिपि राज्य के खनन एवं भूतत्व विभाग के प्रधान सचिव को भी दी है।