चुनाव तारीख की घोषणा की ठीक पहले हटाए गए पंजाब के DGP सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय और फिरोजपुर के SSP

New Delhi 8 janप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक मामले में पंजाब के कार्यवाहक DGP सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय और फिरोजपुर के SSP हरमनदीप हंस की शनिवार को हटा दिया गया।
पंजाब समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों के ऐलान से पहले 1987 बैच के IPS अफसर वीके भवरा को पंजाब का नया DGP नियुक्त किया गया है। वहीं नरिंदर भार्गव को फिरोजपुर SSP बनाया गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने शनिवार को इन नामों पर मुहर लगा दी।
यह भी माना जा रहा है कि चन्नी ने एक कार्रवाई करके अपनी दो समस्या का हल निकाल लिया है. दरअसल, सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का करीबी माना जाता है. उनके दबाव में ही चन्नी को सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को पुलिस महानिदेशक बनाना पड़ा था.चरणजीत सिंह चन्नी के सत्ता संभालने के बाद जब डीजीपी को बदला गया, तो तीन नामों की लिस्ट केंद्रीय लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को भेजी गयी थी. उसमें सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय का नाम नहीं था.
जिन तीन आईपीएस अधिकारियों के नाम की अनुशंसा यूपीएससी से की गयी थी, उनमें दिनकर गुप्ता, वीरेश कुमार भावरा और प्रबोध कुमार शामिल थे.

PM की सुरक्षा में चूक के बाद गाज
5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिरोजपुर दौरे के समय सुरक्षा प्रबंधों में चूक सामने आई थी। प्रधानमंत्री का काफिला करीब 20 मिनट तक फिरोजपुर में एक फ्लाईओवर पर रुका रहा था। उस दौरान काफिले के पास काफी लोग पहुंच गए थे। इस मामले के कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। प्रधानमंत्री ने बठिंडा एयरपोर्ट पर अधिकारियों से कहा था कि अपने मुख्यमंत्री को कह देना कि वह यहां तक जिंदा पहुंच गए। इसके बाद सूबे में सियासी बवाल खड़ा हो गया था।

उच्चपदस्थ सूत्र बताते हैं कि पंजाब के पुलिस महानिदेशक की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद ही एसपीजी ने आगे बढ़ने का फैसला किया था. हालांकि, बाद में पंजाब के मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक दोनों ने अपनी-अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया था. पंजाब के सीएम चन्नी ने तो फोन पर बात तक करने से इंकार कर दिया था
UPSC ने 3 अफसरों का पैनल भेजा था
संघ लोक सेवा आयोग यानी UPSC ने 4 जनवरी को पंजाब में स्थायी DGP के लिए 3 अफसरों के नाम का पैनल भेजा था। सूत्रों की मानें, तो गुरुवार और शुक्रवार की रात 1 बजे तक CM चन्नी, डिप्टी CM सुखजिंदर रंधावा, मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी और गृह विभाग के ACS अनुराग वर्मा के बीच इस मामले पर लंबी चर्चा हुई। इतनी कवायद के बाद भी DGP के नाम का फैसला नहीं हो पाया था। आखिरकार शनिवार दोपहर को मुख्यमंत्री चन्नी ने वीके भवरा के नाम की फाइल पर दस्तखत कर दिए।

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