कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक
टीएमएच में भी बढऩे लगे कोरोना के मरीज
जमशेदपर, 30 दिसम्बर (रिपोर्टर): टीएमएच के मेडिकल सलाहकार डा. राजन चौधरी ने कहा कि जिस तरह से कोरोना के मरीज मिलने लगे हैं व इसी तेजी से मरीज मिले तो माना जाएगा की कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है. उन्होंने कहा कि फरवरी के मध्य तक कोरोना पूरी तरह से पीक पर रहेगा. 15 जनवरी से 15 मार्च तक कोरोना का खतरा रहेगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल ओमिक्रोन के मरीज एक भी नहीं मिले हैं.
गुरुवार को टाटा स्टील की ओर से वर्चुअल प्रेसवार्ता का आयेाजन किया गया जिसमें टीएमएच के मेडिकल सलाहकार डा. राजन चौधरी, टाटा स्टील कॉरपोरेट कम्युनिकेशन के चीफ सर्वेश कुमार मीडिया से जुड़े. डा. राजन चौधरी ने कहा कि टीएमएच में कोरोना के मरीज बढऩे लगे हैं. पिछले सप्ताह 11 मरीज जबकि इस सप्ताह 46 मरीज भर्ती हुए हैं जबकि इससे पहले दो-तीन मरीज मिले रहे थे. कोरोना के नए केस मिल रहे हैं. जिस तरह से पिछले तीन सप्ताह के आंकड़े को देखा जाए तो मरीज बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना की पहली व दूसरी लहर में देखा जाए तो पहले दुनिया में फिर देश में व इसके बाद अलग-अलग राज्यों में मरीज बढऩे लगते हैं. उन्होंने कहा कि फरवरी के मध्य तक कोरोना पीक पर रहेगा. माना जा रहा है कि जनवरी के मध्य से कोरोना का खतरा बढ़ जाएगा. मार्च के मध्य तक कोरोना मरीजों में कमी आने आयेगी, लेकिन इसके बारे में कुछ तय नहीं है. उन्होंने कहा कि टीएमएच ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए एक हजार बेड तैयार किया है. पुराना केरला समाजम मॉडल स्कूल में 100 ऑक्सीजन बेड व ग्रेजुएट कॉलेज में 100 ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था की है. टीएमएच में भी 450 बेड तैयार किए गए हैं जिनमें सौ बेड आईसीयू बेड है. बाहर में 550 बेड की व्यवथा की गई है. उन्होंने कहा कि यदि किसी को बुखार हो, सर्दी रहे तो लापरवाही नहीं करें. कोरोना की जांच करायें. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने कोरोना के इलाज क ेलिए दो दवाएं शुरू की है. वह बन रही है. ये दवाएं पांच दिन का डोज है. उन्होंने कहा कि नई दवा मोलनुपिरावीर दवां भी उपलब्ध है.
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देशभर में स्पेशियलिस्ट डॉक्टरों की कमी
टीएमएच के मेडिकल सलाहकार डा. राजन चौधरी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों की बढ़़ती संख्या को देख कर तीसरी लहर की आने की आशंका को देखते हुए बेड की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया है. इसके लिए मैन पावर की जरूरत होती है. टाटा स्टील एच आर विभाग इस काम में लगा था. उन्होंने कहा कि पूरे देश में स्पेशलिस्ट की कमी है. इसके बाद भी मैनपावर को पूरा करने का प्रयास किया गया है.
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ओमिक्रोन डेल्टा वायरस से कम खतरनाक
उन्होंने कहा कि ओमिक्रोन के मामले साउथ अफ्रीका से मिलना शुरू हो गया था जो धीरे-धीरे कई देशों में फैलन लगा है. ओमिक्रोन डेल्टा से कम खतरनाक है लेकिन इसका संक्रमण अधिक है. ओम्रिकोन के संक्रमण से गंभीर व मौत की संभावना कम रहती.
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जीनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट में एक भी ओमिक्रोन नहीं
उन्होंने कहा कि टीएमएच में जीनोम टेस्ट की सुविधा नहीं है इसलिए उन्हें भी जांच के लिए भुवनेश्वर भेजना पड़ता है. टीएमएच जीनोम सिक्वेंसिंग रिपोर्ट भेजा रहा है. अब तक 50 सैम्पल भेजा गया है. जब तक जो भी रिपोर्ट आयी हे उसमें सभी डेल्टा वायरस के शिकार है. अब तक ओमिक्रोन के एक भी मरीज नहीं मिले हैं.