जमशेदपुर, 30 दिसंबर : झारखंड सरकार का कार्यकाल दो वर्ष पूरा होने पर जहां कल ही अरबों रुपये लागत की योजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन व परिसंपत्ति का वितरण राज्यभर में किया गया, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुवर दास ने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाये हैं. आरोप लगाया कि चुनावी वादा भूलनेवाली ‘अबुआ राज के बबुआ मुख्यमंत्री’ हर मुद्दे पर विफल साबित हो रही है. वे आज भालुबासा स्थित एक होटल में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
श्री दास ने आरोप लगाया कि झारखंड को बेचकर राजनीति चमकानेवाले आज डींग हांक रहे हैं कि उन्होंने लडक़र (आंदोलन कर) अलग राज्य लिया. जबकि अलग राज्य देनेवाले देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और भाजपा है. झामुमो ने तो कभी चाहा ही नहीं था कि राज्य अलग हो, वहीं कांग्रेस और राजद हमेशा राज्य का सौदा ही किया है. अगर यही रवैया रहा तो हेमंत सोरेन झामुमो के अंतिम शासक साबित होंगे, क्योंकि उनकी पार्टी में इस योग्य और कोई रहेगा ही नहीं. यह ऐसी सरकार है जो अपनी ही पार्टी के केन्द्रीय अध्यक्ष (शिबू सोरेन) की बातों को भी नजरअंदाज करती है. वहीं कांग्रेस पर गरजते हुए कहा कि पार्टी के दिल्लीवाले नेता पूरी तरह अवैध खनन कराने में व्यस्त हैं. झारखंड का पैसा लूटकर वे 10 जनपथ पहुंचा रहे हैं. यही कारण है कि वे यहां की राजनीति में इतना दिलचस्पी ले रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुझाव दिया कि वे इन दो वर्षों में ही अक्षम सीएम साबित हो चुके हैं. इसलिये उन्हें तुरंत इस्तीफा देकर राज्य का भला करना चाहिये और झामुमो के वरिष्ठ नेता स्टीफन मरांडी, लोबिन सोरेन जैसे कर्तव्यनिष्ठ नेताओं को सीएम की कुर्सी सौंप देनी चाहिये.
सरयू राय पर साधा निशाना, बोले दो साल हो गये अभी तक जेल भेजने की सुगबुगाहट शुरु नहीं हुई
पूर्वी जमशेदपुर विधानसभा के पूर्व विधायक सह राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इशारों ही इशारों में पूर्वी के वर्तमान विधायक सरयू राय पर तंज कसा कि दो-दो मुख्यमंत्री के बाद तीसरे के रुप में उन्हें जेल भेजने की बार-बार भभकी देनेवाले कहां गया. दो वर्ष हो गये, अभीतक जेल भेजने की सुगबुगाहट शुरु भी नहीं हुई. वे तो बड़े आराम से अपने घर में बैठे हैं और इंतजार कर रहे हैं कि कब जेल भेजेंगे. उन्होंने कहा कि जात-पात की राजनीति कर एकबार सफलता मिल जरुरत जाती है, लेकिन वह टिकाउ नहीं होती. दावा किया कि अब पूर्वी विस के लोग पछता रहे हैं कि उनसे गलती हो गई. दूसरों की संपत्ति का ब्यौरा बतानेवाले वैसे ‘सत्य हरिश्चंद्र’ को यह बताना चाहिये कि उनकी कहां-कहां संपत्ति है. जनता से किये गये वादों का क्या हुआ, इसका जवाब भी जनता को देना चाहिये.
श्री दास ने कहा कि सरकार की कार्यशैली का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सिदगोड़ा में 84 करोड़ की लागत से नवनिर्मित जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी का एक विभाग से दूसरे विभाग को हस्तांतरण करने में डेढ़ वर्ष से अधिक समय लग गये. यहां अभी भी वीसी, रजिस्ट्रार, लैब टेक्नीशियन आदि की नियुक्ति नहीं की गई है. यही नहीं, टिमकेन इंडिया के समीप 66 करोड़ की लागतवाली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी का हाल भी बुरा है.
आदिवासी नेता बताएं किस-किसका ठेका चल रहा है
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि टाटा घराना पूरे झारखंड की शान और पहचान है. देश ही नहीं, विदेशों में पहचान बन चुकी है. ऐसे औद्योगिक संस्था का विरोध करना झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं को शोभा नहीं देता. इसके पहले झामुमो के आदिवासी नेताओं को इस बात का खुलासा करना चाहिये कि टाटा स्टील में किस-किसका ठेका चल रहा है. पहले उन्हें ठेकेदारी बंद करना चाहिये, उसके पहले कंपनी के खिलाफ आंदोलन में उतरना चाहिये. उन्होंने कहा कि टाटा स्टील के कारण आदित्यपुर औद्योगिक इकाई में कार्य करनेवालो लाखों लोगों के परिवारों का भरण-पोषण हो रहा है. यही नहीं, रांची में उनके कार्यकाल में टाटा प्रंबधन को कैंसर अस्पताल बनाने के लिये दी गई जमीन पर भी सरकार ने गिद्ध दृष्टि डाल दी है और प्रबंधन को परेशान करना शुरु कर दिया है.