ढाका
जापान ने एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के दूसरे सेमीफाइनल में भारत को 5-3 से हराकर खिताबी जंग से बाहर कर दिया। पूरे टूर्नामेंट में किसी चैंपियन की तरह खेलनी वाली भारतीय टीम के लिए यह हार किसी बुरे सपने से कम नहीं थी। ओलिंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट भारत को अब तीसरे-चौथे पायदान के मैच में पाकिस्तान से भिड़ना होगा, जिसे पहले सेमीफाइनल में साउथ कोरिया ने हराया था।
शुरुआती मिनट से ही जापान ने बनाया दबदबा
जापान को शोता यमादा ने पहले ही मिनट में पेनल्टी पर गोल दागकर बढ़त दिलाई जबकि रेइकी फुजिशिमा (दूसरे मिनट), योशिकी किरिशिता (14वें मिनट), कोसेई कवाबे (35वें मिनट) और रयोमा ओका (41वें मिनट) ने भी गोल दागे। भारत की ओर से दिलप्रीत सिंह (17वें मिनट), उप कप्तान हरमनप्रीत सिंह (43वें मिनट) और हार्दिक सिंह (58वें मिनट) ने गोल किए।
जापान ने लिया बदला
इसी टूर्नामेंट के लीग मैच में भारत, जापान को 6-0 के शर्मनाक अंतर से हरा चुका था। भारतीय टीम ने टूर्नामेंट में जिस तरह का प्रदर्शन किया था, उसके बाद उसी का पलड़ा भारी लग रहा था। मगर उगते सूरज के देश जापान के खिलाड़ियों ने बता दिया कि उन्हें हल्के में लिया जाना कितना घातक हो सकता है।
भारत-पाकिस्तान के बीच ब्रॉन्ज मेडल मैच
दक्षिण कोरिया ने पाकिस्तान को हराया पहले सेमीफाइनल में दक्षिण कोरिया ने पाकिस्तान को रोमांचक मुकाबले में 6-5 से हराया। इस मैच में कोरियाई टीम की ओर से जांग जोंझुयुन ने 4 गोल दागे जबकि तारीफ करनी होगी गोलकीपर जाएहयोन किन की भी जिन्होंने पाकिस्तान के कई हमलों को नाकाम किया। पाकिस्तान की टीम शुरुआती बढ़त का फायदा नहीं उठा सकी। पाकिस्तान की ओर से शुरुआती गोल कप्तान उम्मर भुट्टा ने दागा था। पहले क्वॉर्टर के खत्म होने के बाद पाक टीम 1-0 से आगे थी।
भारत का टूर्नामेंट में प्रदर्शन
टीम इंडिया ने टॉप पर रहते हुए सेमीफाइनल के लिए किया था, क्वॉलिफाई भारतीय टीम ने राउंड रॉबिन चरण में 10 अंक लेकर प्वाइंट्स टेबल में टॉप पर रहते हुए सेमीफाइनल में प्रवेश किया था। तोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद अपना पहला टूर्नामेंट खेल रही भारतीय टीम ने पहले मैच में दक्षिण कोरिया से 2-2 से ड्रॉ खेला था। इसके बाद भारत ने मेजबान बांग्लादेश को 9-0 से रौंदा। मनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने अपने तीसरे मैच में पाकिस्तान को 3-1 से धूल चटाई थी। लीग राउंड के आखिरी मैच में भारत ने जापान को 6-0 से पटखनी दी थी। टीम इंडिया लीग राउंड में एक भी मैच नहीं हारी थी।