निजी अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग ने दिया अनुचित लाभ ,सरयू राय के प्रश्न का स्वास्थ्य मंत्री नहीं दे सके जवाब

जमशेदपुर, 17 दिसंबर : विधायक सरयू राय के एक प्रश्न का सही उत्तर जब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता विधानसभा में नहीं दे सके तब विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें सदन में सही जवाब मंगलवार को देने का निर्देश दिया. विधायक का सवाल था कि वगैर सूचीवद्धता के स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के कई निजी अस्पतालों को लाभ दिया है. उनका प्रश्न था कि फरवरी 2020 से जुलाई 2020 के बीच राज्य में ब्रह्मानंद समेत कई असूचीबद्ध अस्पतालों को मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत बीमारियों के इलाज का लाभ सरकार ने दिया है, जो अनियमित एवं भ्रष्ट आचरण है.
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि ब्रह्यानंद अस्पताल मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत बीमारियों के इलाज के लिए सूचीबद्ध है. इस पर विधायक श्री राय ने पूरक प्रश्न पूछा कि मंत्री स्पष्ट बतायें कि फरवरी 2020 से जुलाई 2020 के बीच यह अस्पताल सूचीबद्ध था या नहीं? इसका उत्तर मंत्री नहीं दे सके. श्री राय ने विधान सभा अध्यक्ष को स्वास्थ्य विभाग का संकल्प (संख्या 13/नीति(चि.प्रति.)-10-02/ 2015-39(13)- स्वा./दिनांक 14.02.2020) सूपुर्द किया, जिसमें 40 सूचीबद्ध अस्पतालों की सूची दी गई है. इसमें कहीं भी ब्रह्यानंद नारायणा अस्पताल, तामोलिया का नाम नहीं है.
श्री राय ने कहा कि इसी अवधि में करीब एक दर्जन मरीजों की बीमारियों की चिकित्सा का लाभ ब्रह्यानंद अस्पताल सहित कई अन्य असूचीबद्ध अस्पतालों को मिला है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह मामला प्रकाश में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जुलाई 2020 के बाद इन अस्पतालों को सूचीबद्ध किया है. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री को चुनौती दी और विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि इसकी जांच के लिए सदन की एक समिति बना दी जाय. इस पर अध्यक्ष ने स्वास्थ्य मंत्री को निर्देश दिया कि सदन में प्रश्न का सही उत्तर दें.
इस प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य मंत्री ने सदन को बताया कि सिविल सर्जन, जमशेदपुर के पत्रांक 4232, दिनांक 14.12.2021 के माध्यम से विभाग को एक प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है, जिसके आधार पर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी. इस पर श्री राय ने कहा कि मेरे द्वारा सवाल पूछे जाने के बाद यह प्रतिवेदन सिविल सर्जन, जमशेदपुर से स्वास्थ्य विभाग ने मंगाया है, जो स्वास्थ्य विभाग द्वारा मामला को दबाने और दोषियों को बचाने की मंशा का परिचायक है. श्री राय ने सदन को बताया कि यह मामला केवल जमशेदपुर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि ऐसा पूरे राज्य में होने की संभावना है, इसलिए इसकी विस्तृत जांच करायी जानी चाहिए.

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