जल्द नए लुक में दिखेगा टाटा स्टील जूलोजिकल पार्क, मेरिन ड्राइव से होगी एंट्री

वर्तमान एंट्री गेट बनेगा सर्विस गेट
शहरवासियों को दिखेंगी रंग-बिरंगी चहचहाती पक्षियां
जमशेदपुर, 14 दिसम्बर (रिपोर्टर): टाटा स्टील की ओर से संचालित टाटा स्टील जूलोजिकल पार्क जल्द ही नए लुक में दिखेगा. 2027 तक इसे पूरी तरह से री मॉडल किया जाएगा. शहरवासियों को देश-विदेश की रंग-बिरंगी चहचहाती हुई पक्षियां नजर आएंगी. वहीं मार्च, 2022 तक मेरिन ड्राइव की ओर से एंट्री गेट खोला जाएगा.
रविवार को टाटा स्टील की ओर से टाटा स्टील जूलोजिकल पार्क का मीडिया विजिट कराया गया. इस मौके पर निदेशक विपुल चक्रवती ने कहा कि जुबिली पार्क परिसर में स्थित टाटा स्टील जूलोजिकल पार्क में शेर, शेरनी, बाध, बाधिन, सफेद हिरन समेत रंग-बिरंगे व अलग-अलग प्रजातियों के करीब 400 पशु पक्षियों को रखा गया है. शहरवासी जू का अपने-अपने परिवार के साथ आनंद लेते हैं. उन्होंने कहा कि 17 मार्च, 2020 में कोरोना महामारी के कारण जू को बंद कर दिया गया था. जब कोरोना महामारी का असर कम हुआ व सरकार से सभी चीज खोलने की अनुमति मिली तो अक्टूबर, 2021 से जू को भी आमलोगों के लिए खोल दिया. इस दौरान सेट्रल जू ऑथरिटी के गाइडलाइन का पालन कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मार्च 2022 में जू का एंट्री गेट मेरिन ड्राइव की ओर से होगा. वर्तमान में जू का जो गेट है उसे सर्विस गेट बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि जू करीब 27 एकड़ में फैला हुआ है. मास्टर प्लान के तहत कुछ जानवरों का पार्क में तो कुछ ग्राडेन एरिया में रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि नए लुक में दिखने वाली जू में कई मेहमान पक्षियांं भी दिखेंगी.
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रेप्टाइल हाउस भी होगा जू का आकर्षकण का केन्द्र
टाटा स्टील जूलोजिकल पार्क के निदेशक विपुल चक्रवती ने कहा कि जू में रेप्टाइल हाउस आकर्षण का केन्द्र होगा जिसमें एक जगह सांप, घडिय़ाल, मगरमच्छ का रखा जाएगा.
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दर्शकों से गुलजार हो रहा टाटा स्टील जूलोजिकल पार्क
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण करीब डेढ़ वर्षों से जू बंद था जो अक्टूबर में खोला गया है. शहरवासियों की भीड़ से पार्क गुलजार हो रहा. लोग अपने-अपने बच्चों के साथ जू में आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रतिदिन करीब 1500 लोग आ रहे हैं.
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मांसाहारी जानवरों को एक दिन नहीं दिया जाता खाना
जू में जितने भी मांसाहारी जानवर हैं उनके स्टोमैक को मजबूत रखने के लिए सप्ताह में एक दिन में खाना नहीं दिया जाता है. उन्होंने कहा शेर, शेरनी, बाध व बाधिन को प्रतिदिन खाने में मांस दिया जाता है. सप्ताह में सोमवार के दिन उन्हें खाने में कुछ भी नहीं दिया जाता है.

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