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Jamshedpur,13 Dec: चांडिल स्थित बिहार स्पंज आयरन लिमिटेड ( BSIL ) कंपनी के जमींनदाताओं का धरना प्रदर्शन पिछले आठ दिनों से चल रहा हैं। बीते पांच दिसंबर से धरना पर बैठे जमींनदाताओं को समझाने में अबतक प्रबंधन नाकाम रहा। पंचग्राम विस्थापित एवं प्रभावित समिति के बैनर तले बैठे आंदोलनकारियों की एक ही मांग है कि जमींनदाताओ को नौकरी में प्राथमिकता दी जाय। शनिवार को आंदोलनरत जमींनदाताओं और बीएसआईएल प्रबंधन के बीच वार्ता हुई, लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंची।
पंचग्राम विस्थापित एवं प्रभावित समिति के लोग वनराज स्टील प्रबंधन के रवैये से बेहद नाराज हैं। समिति के सचिव आशुतोष बेसरा ने कहा कि बीएसआईएल को वनराज स्टील संचालन कर रही, जो बाहरियों को काम पर रख रही हैं जिसका हम सभी जमींनदाता विरोध कर रहे हैं। आशुतोष बेसरा ने कहा कि हम भी चाहते हैं कि कंपनी चालू हो और जमींनदाताओ को नौकरी में प्रथमिकता मिले। उन्होंने बताया कि शनिवार को बीएसआईएल प्रबंधन के साथ हुई वार्ता सकारात्मक रही। सोमवार को पुनः वार्ता होगी, समाधान की उम्मीद है। बीएसआईएल प्रबंधन ने बताया है कि वे कंपनी को चलाने में सक्षम नहीं है, इसके चलते वनराज स्टील को कंपनी चलाने को दी गई हैं। समिति के सचिव आशुतोष बेसरा ने बिना नाम लिए ही काफी कुछ उजागर किया है। उन्होंने इशारों में ही आधुनिक पावर प्रबंधन से जुड़े एक अधिकारी रविंद्र अग्रवाल के दोहरे रवैये के प्रति नाराजगी जाहिर की। आशुतोष बेसरा ने कहा कि वनराज स्टील प्रबंधन को इस क्षेत्र में काम करने का कोई अनुभव नहीं है, स्थानीयता के मुद्दे को समझ नहीं पा रहे हैं, इसके चलते सामंजस्य स्थापित करने में प्रबंधन के लोग असफल हो रहे हैं। वनराज के जरिये आधुनिक पावर के लोग कानून का सहारा लेकर कंपनी चलाना चाहते हैं जबकि, बीएसआईएल जब कंपनी को चलाती थी तो स्थानीय लोगों के साथ मिलकर ही कोई भी निर्णय लेती थी और जमींनदाताओ के साथ सामंजस्य स्थापित कर काम करती थीं। बीएसआईएल जब तक चली थी, कभी भी केस मुकदमा नहीं हुआ, किसी तरह का विवाद नहीं होता था। लेकिन वनराज स्टील और आधुनिक पावर प्रबंधन जमींनदाताओ के साथ सामंजस्य स्थापित करने के बजाय कानूनी दांव पेंच खेलकर जमींनदाताओ को प्रताड़ित करने का प्रयास कर रहा हैं, ऐसे में सुचारू रूप से कंपनी चलना मुश्किल है। उक्त अधिकारी आधुनिक पावर मालिक परिवार से जुड़े होने का दम्भ भरते हैं और खुद को लायजनिंग मास्टर होने और पुलिस प्रशासन में पकड़ होने का गुमान दिखाते हैं ।उन्हें वनराज से कोई संबंध नहीं ।वे आधुनिक पावर के अधिकारी बताए जाते हैं लेकिन पर्दे के पीछे से खेल रचते हैं । वनराज मालिक या प्रबंधन उनसे नहीं सतर्क होगा तो मुश्किलें और बढ़ेंगी। बेसरा ने बीते दिनों दो दिसंबर की घटना को लेकर बताया कि बीएसआईएल कंपनी को लीज पर दी गई जमीन पर काम करने में रैयतों की ओर से कोई आपत्ति नहीं है लेकिन वनराज स्टील द्वारा रैयती जमीन पर भी बलपूर्वक जेसीबी मशीन लगाकर रास्ता निर्माण करने का प्रयास किया था। वह सरकार की ओर से पूर्ण रूप से अधिग्रहित जमीन नहीं है लेकिन उस जमीन पर भी रैयतों को बगैर सूचना दिए वनराज प्रबंधन द्वारा रास्ता निर्माण किया जा रहा था। जानकारी मिलने पर ग्रामीण वहां पहुंचे थे और आपत्ति जताई थी। उस दौरान प्रबंधन के लोगों ने आदिवासी रैयतों के साथ गाली गलौज और बदतमीजी भी किया था। जिसके बाद ग्रामीणों के आपसी परामर्श पर पीड़ित रैयतों ने चांडिल थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराया था। आशुतोष ने जानकारी दी कि अभी वनराज स्टील प्रबंधन के अधिकारियों पर एसटी/एससी तथा अन्य धाराओं के साथ मामला दर्ज हो गई हैं। उन्होंने कहा कि जब प्लांट चलाना है तो स्थानीय लोगों से मिलकर बातचीत करनी चाहिए। लेकिन वनराज स्टील के अधिकारी ने इस दिशा में कभी भी किसी तरह की पहल नहीं की। वनराज प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि स्थानीय लोगों और जमींदाताओं को केस मुकदमे में फंसाकर कंपनी को चलाने की मानसिकता रखते हैं। प्रबंधन यह सब एक रणनीति के तहत कर रही हैं। यदि कंपनी की प्राथमिकता लाभ कमाना है तो स्थानीय लोगों को रोजगार देने में भी प्राथमिकता देना होगा। आशुतोष बेसरा ने कहा कि वनराज स्टील प्रबंधन को जानकारी होना चाहिए कि रैयतदारों की जमीन को सरकार ने नौकरी देने की शर्त पर अधिग्रहण किया है। वहीं, प्लांट क्षेत्र के बाहर की जमीन को जमींदाताओं ने सादे कागज पर लिखकर कंपनी को दी थी। प्लांट क्षेत्र की जमीन अभी भी रैयतदारों की जमीन है। लेकिन बीएसआईएल प्रबंधन और जमींदाताओं की आपसी तालमेल से ही अबतक कंपनी चल रही थी। यदि वनराज प्रबंधन कंपनी चलाने की मंशा रखता हैं तो जमींनदाताओं के साथ तालमेल बैठाने की जरूरत है। वनराज आधुनिक पावर प्रबंधन की एक इकाई है । आधुनिक पावर के उक्त अधिकारी पर SC / ST आदि दफाओं के तहत प्राथमिकी कराई गई है और ग्रामीण इस मामले में कार्रवाई की मांग पर जोर दे रहे हैं।