दिल्ली छावनी में बरार स्क्वायर अंत्येष्टि स्थल पर जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत को अंतिम बार नमन करने देश-दुनिया की हस्तियां पहुंचीं। इन सबके बीच, उनकी बेटियां- कृतिका और तारिणी एक-दूसरे के साथ गुमसुम बैठी रहीं। परिवार के लोग साथ थे, मगर उनकी नजरें अपने माता-पिता पर टिकी थीं। पीछे अपने नायक को विदा करने आए हजारों लोगों का हुजूम था।
‘भारत माता की जय’, ‘वंदे मातरम’ और ‘जनरल रावत अमर रहें’ जैसे नारे गूंज रहे थे।
जवानों के कंधों पर सबसे बड़े योद्धे का अंतिम सफर
जनरल बिपिन रावत को 17 तोपों की सलामी दी गई। भारतीय सेना के जवानों के कंधों पर जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका का पार्थिव शरीर था। वहां मौजूद हर नागरिक की आंखें नम थीं।
एकटक माता-पिता को निहारती रहीं बेटियां
जनरल रावत के आधिकारिक आवास से शुरू हुई अंतिम यात्रा कृतिका और तारिणी के लिए जिंदगी का सबसे भारी सफर रहा। दोनों बेटियों ने अपने माता-पिता के अवशेषों को तोपगाड़ी में अंत्येष्टि के लिए ले जाए जाने से पहले संबंधित पारंपरिक अनुष्ठान किए। बरार स्क्वायर में दोनों बेटियां गुमसुम बैठी रहीं, एकटक बस अपने माता-पिता को निहारती रहीं।
बेटियों ने ही मुखाग्नि
कृतिका और तारिणी ने अंतिम संस्कार से जुड़े सभी अनुष्ठान किए।
एक-दूसरे का हाथ थामे रहीं बेटियां
जब अंतिम संस्कार से जुड़े अनुष्ठान किए जा रहे थे, कृतिका और तारिणी एक-दूसरे का हाथ थामे रहीं। मानों कह रहीं हों कि अब हम दोनों ही एक-दूसरे की ताकत हैं।
विदेश की गणमान्य हस्तियां रहीं मौजूद
जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका को अंतिम विदाई देने वालों में फ्रांस के राजदूत इमैनुल लेनाइन और भारत में ब्रिटेन के उच्चायुक्त एलेक्स एलिस शामिल रहे। इसके अलावा, कई देशों के अधिकारियों ने दिवंगत सैन्य अधिकारी को श्रद्धासुमन अर्पित किए।