जमशेदपुर, 2 दिसंबर (रिपोर्टर) : बिजली के तार सहित कई विद्युतीय उपकरण बनानेवाली कंपनी आरआर ग्लोबल के चेयरमैन त्रिभुवन काबरा ने कहा कि झारखंड में उद्योग लगाने का समुचित माहौल नहीं है, इसलिये वे इस राज्य में निवेश को इच्छुक नहीं हैं. वे आज कंपनी के बिजनेस टूर के क्रम में शहर आये थे तथा बिष्टुपुर के एक होटल में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. देर शाम उसी होटल में रिटेलर मीट का भी आयोजन हुआ, जहां कंपनी ने कई नये उत्पादों की जानकारी दी. बताया कि कंपनी जल्द ही चारपहिया वाहन लांच करने की योजना तैयार कर रही है. फिलहाल ई-बाइक (दोपहिया) ‘वेगास’ का काफी अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. प्रतिमाह 1500 बाइक बेची जा रही है. निकट भविष्य में चारपहिया भी बाजार में उतारे जाएंगे.
श्री काबरा ने गुजरात की तारीफ करते हुए इस राज्य को निवेश के दृष्टिकोण से ‘भारत का यूरोप’ बताया. कहा कि जिस राज्य में उनके उत्पाद का 70 प्रतिशत कच्चा माल तथा 15 प्रतिशत बिजनेस की उम्मीद दिखे, वहीं उद्योग लगाने के लिये पहल की जाती है. इसके अलावा गुजरात में कानून व्यवस्था, बिजली, मजदूर आदि काफी सहज सुलभ है. यही कारण है कि मात्र गुजरात से ही कंपनी को 18 प्रतिशत राजस्व वसूली होती है. बताया कि फिलवक्त कंपनी का सालाना टर्न ओवर 7500 हजार करोड़ रुपये है, जिसे आगामी पांच वर्षों में 20 हजार करोड़ रु. तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है.
नये संसद भवन में उपयोग होगा कंपनी का तार
श्री काबरा ने बताया कि नये संसद भवन (सेंट्रल विस्टा) में आरआर काबेल (केबल) का उपयोग किया जाएगा. यही नहीं, कई मेट्रो रेल में भी इस कंपनी का तार उपयोग किया जा रहा है. यही नहीं, देश के सभी उच्च न्यायालय, मशहूर उद्योगपति मुकेश अम्बानी सहित नामी गिरामी होटल, मॉल आदि में भी इसका उपयोग हो रहा है. इसका मुख्य कारण यही है कि रिले कंडक्टर से तार बनाया जाता है, जिसमें एयर गैप नहीं होता और आग लगने की संभावना काफी कम होती है. किसी तरह अनहोनी होने पर तार जलने पर उससे काला धुंआ नहीं निकलती, जिससे जानमाल की हानि कम से कम होती है.
सामाजिक सेवाओं के प्रति भी समर्पित
उन्होंने बताया कि कंपनी सामाजिक सेवाओं के प्रति भी समर्पित है. अभी हाल में ही झारसुगोड़ा-राउरकेला के बीच लगभग 60 करोड़ की लागत से स्किल डेवलपमेंट सेंटर (वनबंधु परिषद) खोला गया है. यहां कई तरह के प्रशिक्षण कार्यों के अलावा गाय के गोबर से गैस व गौमूत्र से दवाइयां बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. साथ ही सिलवासा (दमन) तथा बड़ोदरा (गुजरात) में एक-एक वेद विद्यालय खोले जा रहे हैं. यहां वेद पढ़ाई जाएगी. वर्तमान में इन केन्द्रों में क्रमश: 25 और 50 विद्यार्थी हैं.