10 साल में 90% से ज्यादा चुनाव में मिली हार, नेतृत्व किसी शख्स का दिव्य अधिकार नहीं,PK ने कांग्रेस को घेरा

नयी दिल्ली। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में कांग्रेस 90 फीसदी से ज्यादा चुनाव हार चुकी है। ऐसे में विपक्ष को लोकतांत्रिक तरीके से अपने नेतृत्व का फैसला करने देना चाहिए। दरअसल, ममता बनर्जी साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को मजबूत कर भाजपा से सीधे टक्कर लेना चाहती है। ऐसे में वो लगातार विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर रही हैं।
बीते दिनों ममता बनर्जी ने राजनीति के भीष्म पितामह कहे जाने वाले शरद पवार से मुंबई में मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि जो भी भाजपा के खिलाफ है सभी का हमारे साथ आने के लिए स्वागत है। ममता बनर्जी का यह बयान और अब प्रशांत किशोर का ट्वीट राजनीति में दोनों बातों का खासा महत्व है।
प्रशांत किशोर ने एक ट्वीट में लिखा कि कांग्रेस जिस विचार और दायरे का प्रतिनिधित्व करती रही है, वह एक मजबूत विपक्ष के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन कांग्रेस का नेतृत्व किसी एक शख्स का दिव्य अधिकार नहीं है। वह भी तब जब पार्टी पिछले 10 सालों में कांग्रेस 90 फीसदी से ज्यादा चुनाव हार चुकी है। ऐसे में विपक्ष की लीडरशिप का फैसला लोकतांत्रिक तरीके से होने देना चाहिए। प्रशांत किशोर की टिप्पणी पर कांग्रेस ने भी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने ट्वीट किया कि यहां जिस व्यक्ति की चर्चा की जा रही है, वह भारतीय लोकतंत्र को आरएसएस से बचाने के अपने ईश्वरीय कर्तव्य का पालन कर रहा है। वैचारिक प्रतिबद्धता के बिना एक पेशेवर पार्टियों/व्यक्तियों को चुनाव लड़ने के बारे में सलाह देने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन वह हमारी राजनीति का एजेंडा निर्धारित नहीं कर सकते हैं। दरअसल, ममता बनर्जी ने बीते दिनों इशारों-इशारों में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा था और कहा था कि ज्यादातर समय विदेश में रह कर कोई कुछ भी हासिल नहीं कर सकता है। इशारों ही इशारों में ममता बनर्जी ने कहा कि अगर आप फील्ड में नहीं रहेंगे तो भाजपा बोल्ड कर देगी।
PK ने गांधी परिवार से की थी मुलाकात
राहुल गांधी चुनावी रणनीतिकार को कांग्रेस में शामिल कराना चाहते थे। हालांकि प्रशांत किशोर को लेकर जुलाई के बाद कांग्रेस में कोई भी चर्चा नहीं हुई है। प्रशांत किशोर को अगर कांग्रेस में शामिल कराया जाता तो उन्हें साधारण तरीके से नहीं बल्कि एआईसीसी पैनल के माध्यम से शामिल कराते।

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