88 साल के बुजुर्ग गणेश शंकर की चर्चा चारो ओर हो रही है। बुजुर्ग गणेश शंकर को बेटों द्वारा ठुकराए जाने पर उन्होंने एक अनोखा कदम उठाया जिसने उन्हें मीडिया की सुर्खियों में ला दिया।
हमें बचपन से ये सिखाया जाता है कि बुजुर्गों की हर तरह से इज्जत करें। इसके साथ ही ये भी बतलाया जाता है कि बुजुर्गों का हर तरीके से ख्याल रखना चाहिए। माता-पिता द्वारा अपने बच्चों की परवरिश बेहद ही प्यार से की जाती है। बड़ी उम्मीदों के साथ उन्हें पढ़ाया-लिखाया जाता है। माता-पिता के द्वारा अपने बच्चों से इतनी उम्मीद लगाना कोई बेमानी नहीं कि उनकी ढलती उम्र में बच्चें उनका ख्याल करें। लेकिन अफसोस होता है कि जब ऐसे मामले निकलकर सामने आते हैं कि बुजुर्गों की उपेक्षा की जाती है। लालच का लबादा ओढ़े लोग बुजुर्गों को उचित सम्मान नहीं देते। लेकिन उत्तर प्रदेश के आगरा से अनोखा मामला सामने आया है।
जिलाधिकारी के नाम लिखवा दी 225 वर्ग गज की प्रॉपर्टी
आगरा के पीपलमंडी निरालाबाद निवासी गणेश शंकर पांडेय ने करीब 225 वर्ग गज की प्रॉपर्टी आगरा के जिलाधिकारी के नाम लिखवा दी है। बुजुर्ग व्यक्ति ने वसीयत की कॉपी भी आगरा सिटी मजिस्ट्रेट को सुपुर्द कर दी है। बजुर्ग ने स्वयं इसकी जानकारी दी। बुजुर्ग का का कहना है कि काफी सोच समझने के बाद उन्होंने उक्त कदम उठाया है।
दो करोड़ रुपए है मकान की कीमत
बुजुर्ग ने पत्रकारों को बताया कि घर में किसी चीज की कमी नहीं है। सब आराम से चल रहा है। उनका बड़ा बेटा दिग्विजय, बहू और दो पोते-पोती उनके साथ ही रहते हैं लेकिन कुछ समय से दिग्विजय उसने लगातार संपत्ति के एक चौथाई भाग की मांग कर रहा है, जो उनकी परेशानी का सबसे बड़ा कारण है। उनके दोनों बेटे उनका ख्याल नहीं रखते है तो वह अपने बेटों को प्रॉपर्टी देकर क्या करें। गणेश शंकर ने बताया कि उन्होंने अपने भाई नरेश शंकर पांडे, रघुनाथ और अजय शंकर के साथ मिलकर 1983 में 1 हजार गज जमीन खरीद कर आलीशान घर बनवाया था। मकान की कीमत लगभग 13 करोड़ है। वक्त के साथ चारों भाइयों ने अपना बंटवारा कर लिया। वर्तमान में गणेश शंकर चौथाई मकान के मालिक हैं, जिसकी कीमत लगभग दो करोड़ रुपए है।