प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 71वें संविधान दिवस के कार्यक्रम को संबोधित किया। इस मौके पर 22 मिनट के भाषण में PM ने चार बड़ी बातें कहीं। उन्होंने सबसे पहले नेशन फर्स्ट का जिक्र किया और कहा कि राजनीति की वजह से देशहित पीछे छूट गया है। इसके बाद परिवारवाद पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक ही परिवार का पार्टी चलाना लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है।
अपने भाषण के तीसरे अहम मुद्दे के तौर पर प्रधानमंत्री ने राजनीति में भ्रष्टाचार का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार का महिमामंडन नए लोगों को भी इसी रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करता है। आखिर में मोदी ने अधिकार V/S कर्तव्य की सीख दी। आइए समझने की कोशिश करते हैं कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में यही मुद्दे क्यों शामिल किए…
1. देशहित
कार्यक्रम में मोदी ने कहा, ‘नागरिकों की रक्षा की जिम्मेदारी निभाते हुए हमारे वीर जवानों ने मुंबई हमले के आतंकवादियों से मुकाबला करते हुए अपना बलिदान है। संविधान बनाते वक्त देशहित सबसे ऊपर था। अनेक बोलियों, पंथ और राजे-रजवाड़ों को संविधान के जरिए एक बंधन में बांधा गया। इसका मकसद था कि ऐसा करके देश को आगे बढ़ाया जाए। आज शायद हम संविधान का एक पेज भी पूरा न लिख पाते, क्योंकि राजनीति के चलते नेशन फर्स्ट और देशहित पीछे छूट जाता है।’
क्यों कहा- पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले मोदी का इस तरह जवानों का जिक्र करना और देशहित का हवाला देना कांग्रेस को घेरने की रणनीति है। भाजपा राज्य में कैप्टन अमरिंदर सिंह से हाथ मिलाकर चुनाव लड़ सकती है। कैप्टन भी देशहित के मुद्दों पर सिद्धू समेत पूरी कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करते रहे हैं। अब मोदी का यह बयान इशारा करता है कि पंजाब में भाजपा का चुनावी नारा नेशन फर्स्ट के आसपास ही बुना जाएगा।
2. परिवारवाद
मोदी बोले, ‘देश में कश्मीर से कन्याकुमारी तक जाइए। भारत एक संकट की तरफ बढ़ रहा है और वो है पारिवारिक पार्टियां। पार्टी फॉर द फैमिली, पार्टी बाई द फैमिली… और अब आगे कहने की जरूरत नहीं लगती है। ये लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है। संविधान हमें जो कहता है, यह उसके विपरीत है। जब मैं कहता हूं कि पारिवारिक पार्टियां, तो मैं ये नहीं कहता कि परिवार के एक से ज्यादा लोग राजनीति में न आएं। योग्यता के आधार पर और जनता के आशीर्वाद से आएं। जो पार्टी पीढ़ी दर पीढ़ी एक ही परिवार चलाता रहे, वो लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा संकट होता है।’
क्यों कहा- मोदी ने ऐसा कहकर नाम लिए बगैर कांग्रेस पर निशाना साधा है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को परिवारवाद के मुद्दे पर घेरा है। वहीं, जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती और फारूख अब्दुल्ला को एक साथ संदेश दे दिया है कि वहां चुनाव होने पर उनके खिलाफ इस मुद्दे को इस्तेमाल किया जाएगा। प्रधानमंत्री पहले भी अपने राजनीतिक भाषणों में इसका जिक्र करते रहे हैं।