Jamshedpur,16 Nov: 15 नवंबर को पूरा झारखंड अपने स्थापना दिवस के उत्साह में डूबा हुआ था, सरकार, मुख्यमंत्री, राज्यपाल, मंत्री, सांसद, विधायक, राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन, नेता, कार्यकर्ता सभी लोग मिलकर जश्न मना रहे थे। सभी कहीं न कहीं भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि देते हुए भय, भूख और भ्रष्टाचार मुक्त झारखंड बनाने का संकल्प ले रहे थे तो कोई भ्रष्टाचार मुक्त झारखंड निर्माण का वादा कर रहे थे। लेकिन इन संकल्प, वादों और बड़े बड़े भाषणों से बिल्कुल उलट दृश्य सरायकेला खरसवां जिले में देखने को मिला। एक पीड़ित ने स्वयं अपना दर्द बयां करते हुए दुख प्रकट किया है जब सरायकेला सदर अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस में खुलेआम रिश्वत मांगी जा रही थी। इसका एक कथित ऑडियो क्लिप भी वायरल हुआ है। कथित ऑडियो क्लिप में पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारी द्वारा स्पष्ट तौर पर 3500 रुपये रिश्वत मांगी जा रही है। दूसरी तरफ से मृतक के परिजन के साथ साथ अन्य लोगों द्वारा बार बार मिन्नतें की जा रही हैं कि जो भी रुपये हैं, उसी से पोस्टमार्टम कर दिया जाय। बात यहीं खत्म नहीं हुई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरायकेला सदर अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारी द्वारा बगैर 3500 रुपये के शव को छूने से भी इंकार कर दिया गया। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए ले गए पुलिस, मृतक का चचेरा भाई व शव को ढोने वाले वाहन चालक ने मिलकर कुल 2100 रुपये रिश्वत दिए। तब शव का पोस्टमार्टम हुआ।
यह है पूरा मामला
चौका थाना क्षेत्र के चावलीबासा निवासी विभूति राय की मौत हो गई थी। बताया जाता है कि 14 नवंबर की रात को विभूति राय ने अपने घर में ही गमछे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली जिसके बाद अगले दिन ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने मामले की छानबीन की और शव को पोस्टमार्टम के लिए सरायकेला सदर अस्पताल भेज दिया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने के लिए पुलिस ने एक वाहन की व्यवस्था की और मृतक के चचेरे भाई व कुछ पुलिस वालों को पोस्टमार्टम प्रक्रिया में भेज दिया। लेकिन पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारियों ने बगैर 3500 रुपये के पोस्टमार्टम करने से साफ मना कर दिया। काफी मिन्नतें और हाथ पैर जोड़ने के बाद पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारियों का दिल नहीं पिघला और पोस्टमार्टम करने से मना कर दिया। तब मृतक के चचेरे भाई टुइलु राय ने अपने सगे संबंधियों को फोन पर रिश्वत मांगने की जानकारी दी। इस दौरान टुइलु राय ने अपने गांव पंचायत समिति सदस्य गुरुचरण साव को भी फोन पर जानकारी दी। पंसस गुरुचरण साव ने भी फोन पर कर्मचारियों से मिन्नतें की, दरख्वास्त की लेकिन कर्मचारियों ने किसी की एक नहीं सुनी। अंततः पोस्टमार्टम के लिए शव को ले गए मृतक के चचेरे भाई, पुलिस व वाहन चालक ने मिलकर 2100 रुपये रिश्वत दी, तब जाकर शव का पोस्टमार्टम शुरू हुआ।
अस्पताल अधीक्षक का कथन
सरायकेला सदर अस्पताल के अधीक्षक एन के चौधरी से इस संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम हाउस में एक पैसे का खर्च नहीं वहन करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जानकारी उन्हें नहीं है। वह सोमवार को एमजीएम अस्पताल में थे। यदि रिश्वत मांगने की बात है तो जांच करेंगे और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई करेंगे।