भाजपा सरकार पंूजीपतियों के हित में कर रही काम
मजदूरों के हितों के संबंध में तय की की गई आंदोलन की रूपरेखा
जमशेदपुर, 15 नवम्बर (रिपोर्टर): नेशनल एजीटेशन कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय ने कहा कि मजदूर संगठन का संविधान बदला जा रहा है. भाजपा सरकार पूंजीपतियों के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा कि मजदूरों को आर-पार की लड़ाई लडऩी होगी तब उन्हें उनका अधिकार मिलेगा.
सोमवार को माइकल जॉन ऑडिटोरियम में देश के मजदूरों के हितों के लिए संघर्षरत नेशनल एजीटेशन कमेटी की कार्यकारिणी की एक दिवसीय बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय ने की. कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलि कर किया गया. इस अवसर पर एनएसी की वेवसाईट की लांचिंग राष्टीय अध्यक्ष कमान्डर अशोक राउत और प्रांतीय अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय ने किया. उन्होंने कहा कि 2014 से सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पूंजीपतियों के हित में काम कर रही है. उन्होंने कहा कि 29 कानूनों को रद्द कर 4 श्रम कानून बनाए गए जो की पूरी तरह से मजदूरों के हितों के विरुद्ध है. उन्होंने चार श्रम संहिता को रद्द करने के लिए जोरदार आंदोलन चलाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि यह सरकार गंूगी और बहरी है और पूरी तरह से पंूजीपतियों के हित में काम कर रही है. उन्होंने कहा कि पिछले करीब एक वर्ष से देश के किसान आंदोलन कर रहे हैं जिसमें की हजारों लोग मौत हो गई है लेकिन इस सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है. उन्होंने कहा कि कहा कि अब आर और पार की लड़ाई लडऩी होगी तभी हम मजदूरों को उनका हक दिला सकते हैं. नेशनल एजीटेशन कमिटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत ने अपने संबोधन में सभी मजदूरों को एक होकर संघर्ष करने पर जोर दिया. टाटा वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष संजीव चौधरी ने कहा कि मजदूर हित में नेशनल एजीटेशन कमिटी के हर निर्णय के साथ हैं चाहे प्रदर्शन हुए आंदोलन या अन्य कोई काम वह हमेशा इसके लिए तत्पर रहेगें. बैठक में कमेटी के राष्ट्रीय स्तर के नेता सरदार सुरेंद्र सिंह रमाकांत, नरगुंड सी तपन दत्ता, सुभाष पोखरकर, शोभा आरस, सरिता नरखेड़, लक्ष्मी देवी आशा राम शर्मा, दीपक बनर्जी, सुरेश डंगवाल एस एन मिश्रा डी एम पाटिल आदि ने विचार व्यक्त किए. बैठक में आंदोलन की रूपरेखा तैयार की गई जिसकी विस्तृत जानकारी क्रमवार ढंग से दी जाएगी.
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उच्च पेंशन की सुविधा बहाल करने की मांग
एनएसी की बैठक में ईपीएफओ की ओर से 31 मई, 2017 को जारी निर्देश को सुप्रीम कोर्ट की ओर रद्द करने के आदेश के आलोक में उच्च पेंशन की सुविधा बहाल किए जाने, 7500 रुपये बेसिक पेंशन व उस पर महंगाई भत्ता दिए जाने, सभी ईपीएस 95 पेंशनरों व उनकी पत्नी व पति को मुफ्त चिकित्सीय सुविधाएं प्रदान करने के साथ साथ ई पी एफ ओ योजना से वंचित निवृत्त कर्मचारियों को सदस्य बनाकर 5000 की राशि पेंशन राशि देने को अविलंब स्वीकृति दी जाए जाने की मांग की गई.