मुंबई। बांग्लादेश की आग त्रिपुरा होते हुए महाराष्ट्र में फैल गई। जिसका सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र के नांदेड, मालेगांव और अमरावती में देखने को मिला। आपको बता दें कि अमरावती में शनिवार को एक भगवा संगठन ने बंद बुलाया और फिर भीड़ ने विभिन्न स्थानों पर पथराव किया और दुकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसके बाद पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करना पड़ा।
त्रिपुरा में साम्प्रदायिक हिंसा के विरोध में महाराष्ट्र के 5 जिलों में हुई रैलियों में पथराव की घटना के संबंध में 20 एफआईआर दर्ज की गईं और 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया। दरअसल, कुछ मुस्लिम संगठनों ने शुक्रवार को रैली निकाली थी। इस दौरान अमरावती, मालेगांव और नांदेड़ पथराव की घटना हुई। हालांकि शाम होते-होते पुलिस ने सबकुछ काबू में कर लिया औऱ इलाके में भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती की गई। वहीं, कुछ स्थानों पर पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई हुईं।
त्रिपुरा में निकाली गई थीं रैलियां
बांग्लादेश में 15 अक्टूबर को कट्टरपंथियों ने दुर्गा पूजा पंडाल और मंदिरों में तोड़फोड़ की थी। इसके बाद हिंदुओं को निशाना बनाया गया और आगजनी की खबरें भी सामने आईं। जिसके विरोध में त्रिपुरा में रैलियां निकाली गईं और कुछ स्थानों पर हिंसा भी भड़की।
उत्तर त्रिपुरा जिले के पानीसागर उपमंडल के चमटीला में विश्व हिंदू परिषद् की एक रैली के दौरान एक मस्जिद में तोड़फोड़ की घटना के दो दिनों बाद त्रिपुरा पुलिस ने लोगों से अपील की थी कि घटना के बारे में अफवाह व फर्जी तस्वीरें नहीं फैलाएं। साथ ही पुलिस ने कहा था कि किसी भी मस्जिद में आग नहीं लगाई गई जैसा कि सोशल मीडिया में फर्जी तस्वीरें पोस्ट की जा रही हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पानीसागर के रोवा बाजार में प्रदर्शनकारियों ने दुकानों और घरों पर हमला किया था। इतना ही नहीं सोशल मीडिया में भड़काऊ संदेश भी वायरल हुए थे। जिनसे बचने की पुलिस ने अपील की थी।
बांग्लादेश की यह आग त्रिपुरा के रास्ते महाराष्ट्र पहुंची। हालांकि स्थिति नाजुक बनी हुई है। महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। पाटिल ने कहा कि हम किसी भी तरह की हिंसा की निंदा करते हैं। मैंने देवेंद्र फड़णवीस और अमरावती की सांसद से बात कर शांति और सामाजिक सौहार्द्र स्थापित करने में मदद की अपील की। हम स्थिति को नियंत्रण में बनाए रखने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।