अब केवल नामी हस्तियों तक सीमित नहीं रहे पद्म पुरस्कार,आम लोगों के खास काम

नई दिल्ली
हाल के वर्षों में देश में बड़ी और जानी मानी हस्तियों के अलावा जमीन से जुड़े बेहद साधारण लोगों को भी पद्म पुरस्कार मिले हैं। इस साल पद्म पुरस्कार पाने वालों की लिस्ट में जहां एक ओर जॉर्ज फर्नांडीस, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, कंगना रनौत, एम .सी. मैरी कॉम, आनंद महिन्द्रा, पीवी सिंधू जैसी नामी हस्तियां रहीं, तो दूसरी ओर नारंगी विक्रेता हरेकला हजब्बा, साइकिल मैकेनिक मोहम्मद शरीफ, अब्दुल जब्बार खान, लीला जोशो, तुलसी गौड़ा, राहीबाई सोमा पोपेरे जैसे असाधारण काम करने वाले आम लोग भी शामिल रहे।

आम लोगों के खास काम
पद्मश्री से सम्मानित मैंगलोर के नारंगी विक्रेता हरेकला हजब्बा ने संतरा बेचकर पाई-पाई कर जुटाए पैसों से अपने गांव में स्कूल खोला। स्कूल ‘हजब्बा आवारा शैल’ यानी हजब्बा का स्कूल नाम से जाना जाता है। साइकिल मैकेनिक मोहम्मद शरीफ को भी पद्मश्री प्रदान किया गया। शरीफ ने पूरी गरिमा के साथ लावारिस शवों का अंतिम संस्कार किया। भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिए न्याय की लड़ाई के लिए जाने जाने वाले भोपाल के अब्दुल जब्बार खान (मरणोपरांत) को भी पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
रतलाम की मदर टेरेसा के रूप में जानी जाने वाली स्त्री रोग विशेषज्ञ लीला जोशो को मध्य प्रदेश के आदिवासी, ग्रामीण और शहरी मलिन बस्तियों में मातृ मृत्यु दर को कम करने में उनके योगदान के लिए पद्मश्री दिया गया। पद्मश्री से सम्मानित राहीबाई सोमा पोपेरे महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले की एक आदिवासी महिला हैं। इन्हें ‘सीड मदर’ के नाम से जाना जाता है। उन्होंने जैविक खेती को एक नई ऊंचाई दी हैं। 57 साल की पोपेरे स्वयं सहायता समूहों के जरिए 50 एकड़ जमीन पर 17 से ज्यादा देसी फसलों की खेती करती हैं।
इस साल कितने पद्म पुरस्कार
साल 2020 और 2021 के लिए दो पद्म पुरस्कार समारोहों का आयोजन सुबह और शाम में किया गया। प्रदान किए गए पुरस्कारों में सात पद्म विभूषण, 16 पद्म भूषण और 122 पद्म श्री पुरस्कार वर्ष 2020 और 2021 के लिए दिए गए। पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिए जाते हैं- पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री। पद्म विभूषण असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए, पद्म भूषण उच्च क्रम की विशिष्ट सेवा के लिए और पद्मश्री किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है।
महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ) इस साल पद्म पुरस्कार पाने वालों की लिस्ट में शामिल रहे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind ) ने सोमवार को उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया। इस महत्वपूर्ण और गौरवशाली सम्मान को पाने के बाद भी आनंद महिन्द्रा खुद को इसके लिए अयोग्य मान रहे हैं। उन्होंने यह बात एक ट्वीट में कही है और इसी ट्वीट में यह भी बताया है कि वह ऐसा क्यों मानते हैं।
आनंद महिन्द्रा ने ट्वीट में कहा, ‘इस सरकार ने पद्म पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं की प्रकृति को लेकर लंबे समय से लंबित, परिवर्तनकारी बदलाव किया है। अब जमीनी स्तर पर समाज के सुधार में मौलिक योगदान देने वाले व्यक्तियों पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित किया जाता है। मैं वास्तव में उनकी श्रेणी में शामिल होने के लिए योग्य महसूस नहीं कर रहा था।’ अपने ट्वीट में आनंद महिन्द्रा ने तुलसी गौड़ा को पद्म पुरस्कार मिलने की तस्वीर भी शेयर की है। राष्ट्रपति कोविंद ने कर्नाटक की पर्यावरणविद् तुलसी गौड़ा को सामाजिक कार्य के लिए पद्मश्री प्रदान किया है। उन्होंने 30,000 से अधिक पौधे लगाए हैं और पिछले छह दशकों से वह पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों में शामिल हैं।

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