आयकर विभाग ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार की 1 हजार करोड़ की संपत्ति अटैच की है। कुल पांच संपत्तियां अटैच की गई हैं जिनमें नरमेन प्वाइंट का नर्मल पॉवर भी शामिल है। आयकर विभाग ने पिछले महीने अजीत पवार की बहनों की कंपनियों पर भी छापा मारा था। महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली और गोवा तक की करीब 1 हजार करोड़ की संपत्ति आयकर विभाग की तरफ से अटैच की गई है।
मुंबई से दिल्ली तक की संपत्ति अटैच
अजीत पवार से जुड़ी जिन संपत्तियों को अटैच किया गया है, उनमें उनकी एक कोऑपरेटिव चीनी मिल भी शामिल है। चीनी मिल के अलावा मुंबई स्थित एक परिसर को भी आईटी विभाग ने अपने नियंत्रण में ले लिया है। गोवा में उनका एक रिसॉर्ट भी है, जो अब आयकर विभाग न अटैच कर लिया है। महाराष्ट्र में अलग-अलग जगहों पर उनकी 27 जमीनें अब आईटी विभाग के नियंत्रण में हैं।
अक्टूबर के महीने में बहनों की कंपनियों पर छापा
आयकर विभाग ने 7 अक्टूबर को एक फर्म की तलाशी ली थी जिसमें अजीत पवार का बेटा पार्थ निदेशक है। पवार की बहनों के स्वामित्व वाली कुछ फर्में; पवार से जुड़ी दो रियल एस्टेट फर्म और राज्य भर में चार चीनी मिलों के निदेशकों के परिसर कथित तौर पर अप्रत्यक्ष रूप से पवार परिवार से जुड़े हुए हैं। इसके बाद 15 अक्टूबर को विभाग ने कहा कि उसने अजीत पवार के परिवार से जुड़े मुंबई में दो रियल एस्टेट समूहों के परिसरों की तलाशी के बाद 184 करोड़ रुपये की बेहिसाब आय का पता लगाया है।
बेनामी लेनदेन अधिनियम के तहत कार्रवाई
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार दो रियल एस्टेट कंपनियों ने “महाराष्ट्र के एक प्रभावशाली परिवार की भागीदारी” के साथ “संदिग्ध” लेनदेन के माध्यम से कई कंपनियों में बेहिसाब धन का संचार किया। I-T विभाग ने कथित तौर पर इन व्यावसायिक समूहों द्वारा कंपनियों के एक वेब के साथ लेनदेन की पहचान की जो “संदिग्ध” प्रतीत होते हैं। बता दें कि ये कार्रवाई ‘बेनामी लेनदेन निषेध अधिनियम , 1988’ के तहत की गई है। IT विभाग को अजीत पवार से जुड़ी कंपनियों द्वारा बड़ी मात्रा में अवैध लेनदेन और अनसिक्योर्ड लोन की जानकारी मिली है।