कोल्हान में उच्च शिक्षा के क्षेत्रों में डॉ0 रजवार की है अहम भूमिका
चांडिल : कोल्हान विश्वविद्यालय के स्थायी प्राचार्य का भीष्म पितामह कहे जाने वाले चांडिल निवासी डॉ0 जी पी रजवार 30 अक्टूबर को सेवा से अवकाश प्राप्त हुए। वे राज्य के सबसे वरिष्ठ स्थायी प्राचार्य के रूप में सेवानिवृत्त हो गये। डॉ0 रजवार लगभग 28 वर्ष तक स्थायी प्राचार्य के रूप में टाटा कॉलेज चाईबासा, सिंहभूम कॉलेज चांडिल व काशी साहु महाविद्यालय सरायकेला में पदस्थापित रहें। स्वभाव से मृदुभाषी और एक कुशल प्रशासक के रूप में उच्च शिक्षा के विकास में सदा अपना उत्तरदायित्व निभाते रहें। उन्होंने अपने कार्यकाल में उच्च शिक्षा के स्तर में व्यापक सुधार करने का प्रयास किया।
कोल्हान के ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च शिक्षा के विकास में डॉ0 रजवार का है अहम भूमिका
एक शिक्षक और एक प्राचार्य के रूप में डॉ0 रजवार आदिवासी-पिछड़ा बहुल क्षेत्र के महाविद्यालयों में ही उच्च शिक्षा का दीप प्रज्वलित करते रहें और कभी भी शहरी क्षेत्र के महाविद्यालय में जाने का प्रयास नहीं किया। उच्च शिक्षा के क्षेत्रों में उनके महत्वपूर्ण योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। प्रत्येक महाविद्यालय में डॉ0 रजवार जहां रहे कुछ न कुछ नया रूप देते रहें। टाटा कॉलेज चाईबासा में इन्होंने ही बीएड पाठ्यक्रम का शुभारंभ किया था, सिंहभूम कॉलेज चांडिल में स्नातकोत्तर डिग्री का शुभारंभ किया। इस कॉलेज में एनसीसी छात्र-छात्राओं के लिए बाधा दौड़ दीवार निर्माण करायें जो कि झारखंड व बिहार का पहला महाविद्यालय है जहां एनसीसी के छात्र-छात्राओं के लिए बाधा दौड़ दीवार है। काशी साहु महाविद्यालय में छऊ नृत्य का एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स शुरू करायें, झारखंड में यह पहला महाविद्यालय है जहां लोकनृत्य पाठ्यक्रम शुरू हुआ। डॉ0 रजवार ने इस महाविद्यालय में एनसीसी कोर्स प्रारंभ करने का सभी प्रक्रिया पूरी की।
महत्वपूर्ण विषय पर दो पुस्तक लिखें, श्रेष्ठ शिक्षाविद का राष्ट्रीय पुरस्कार व स्वर्णपदक मिला
सेवा कालीन समय में ही डॉ0 रजवार ने ”विलेज एडमिनिस्ट्रेशन इन दी कोल्हान” पुस्तक लिखा। यह पुस्तक कोल्हान क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण खोज है। दूसरे पुस्तक ”कोंटेम्पोरारि पॉलिटिकल सोशियोलॉजी” लिखा। राजनीति विज्ञान में विद्यार्थियों के समस्याओं से रूबरू होकर आगे भी महत्वपूर्ण पुस्तक प्रकाशन हेतु लेखन शैली को जारी रखा जिससे शीघ्र ही उन पुस्तक से विद्यार्थी ज्ञानार्जन कर लाभान्वित होंगे। उच्च शिक्षा के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड मैनेजमेंट नई दिल्ली ने 6 अक्टूबर 2018 को श्रेष्ठ शिक्षाविद के राष्ट्रीय पुरस्कार व स्वर्णपदक देकर सम्मानित किया। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में डॉ0 रजवार का महत्वपूर्ण योगदान सदा स्मरणीय रहेगा। उच्च शिक्षा के प्रति डॉ0 रजवार का लगन व परिश्रम वर्तमान के युवाओं के लिए प्रेरणा है।