रेलवे बड़ी राहत देने की तैयारी में , जनरल कोच के लिए नहीं कराना होगा रिजर्वेशन

कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए रेलवे ने जनरल कोच में रिजर्वेशन की नीति को लागू कर दिया था। रिजर्वेशन नीति के तहत जनरल कोच में जितनी सीट होंगी उतने ही यात्रियों को टिकट दिए जाने का आदेश था। देश की बड़ी आबादी रेलवे के सामान्य श्रेणी के डिब्बों में सफर करती है जो लगातार इस नए नियम के चलते परेशानी का सामना कर रही है। रेलवे को भी जनरल कोच में रिजर्वेशन की नीति को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ रहा है। कोविड संक्रमण के घटते प्रकोप और त्योहारों के मौसम समीप देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि रेलवे जनरल कोच में रिज़र्वेशन नीति में संशोधन कर सकती है। सूत्रों के अनुसार रेलवे 1 नवंबर से नियमों में संशोधन कर सकती है जिसके तहत जनरल कोच को पहले की तरह संचालित किया जाएगा।

जनरल कोच में रिजर्वेशन नीति का हो रहा है लगातार विरोध

देश की बड़ी आबादी रेलवे के सामान्य श्रेणी के डब्बों में यात्रा करती है। आपात स्थिति में स्लीपर या फर्स्ट क्लास एसी में टिकट न मिलने पर यात्रियों के पास जनरल कोच में ही यात्रा करने का एकमात्र विकल्प बचता है लेकिन नई नीति से वे यात्रा नहीं कर पा रहे हैं। सामान्य श्रेणी में यात्रा करने वाले लोग लगातार पहले की व्यवस्था को लागू करने की मांग को लेकर रेलवे का विरोध कर रहे हैं।

कोविड के घटते संक्रमण के साथ विरोध का स्वर मुखर हो गया है। बीते दिनों में रेलवे के पश्चिमी ज़ोन में यात्रियों ने पुरानी व्यवस्था बाहल करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।

जनरल कोच में रिजर्वेशन के नियम में जल्द हो सकता है संसोधन
यात्रियों के द्वारा लगातार किये जा रहे विरोध प्रदर्शन और त्योहारों के मौसम समीप देख रेलवे अधिकारियों ने जल्द ही सामान्य श्रेणी में टिकट आरक्षण की नीति में बदलाव के संकेत दिए हैं। हालांकि अभी ये स्पष्ट नही किया गया है कि सामान्य श्रेणी में आरक्षण की नीति को समाप्त किया जाएगा या फिर कुछ नियमों में बदलाव कर के यात्रियों को राहत दी जाएगी। नई व्यवस्था कब से लागू की जाएगी इसको लेकर भी रेलवे की तरफ से अभी कोई स्पष्ट सूचना नहीं मिली है। वहीं अगर बात की जाए तो रेलवे की जनरल कोच में रिज़र्वेशन की नीति ने कोविड के संक्रमण को रोकने में अहम भूमिका अदा की है। रेलवे ने कोविड संक्रमण को रोकने के लगातार प्रयास किये हैं।

त्योहारों के मौसम समीप होने से बढ़ रहा है रेलवे पर दबाव

उत्तर भारत के दो सबसे बड़े त्योहार दिवाली और छठ का पर्व समीप है। ये दोनों ही त्योहार पूरे उत्तर भारत मे बड़े ही उत्साह के साथ मनाए जाते हैं त्योहारों में बड़ी संख्या में मजदूर और निम्न आय वर्ग के लोग जो अपने घर से दूर काम करते हैं वो घर आते हैं। ऐसे में रेलवे के सामान्य श्रेणी में आरक्षण की नीति के चलते ये लोग परेशानी का सामना कर रहे हैं। रेलवे की टिकट व्यवस्था पर भी लगातार दबाव बढ़ रहा है।

ये सभी परिस्थितियों को देखते हुए ये माना जा रहा है कि रेलवे जल्द ही यात्रियों को राहत देने के लिए जल्द ही व्यवस्था परिवर्तन करेगी।

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