चांडिल । झारखंड मुक्ति मोर्चा की गलत नीतियों और कार्यशैली से पूरे झारखंड की जनता त्रस्त है। इतना ही नहीं बल्कि झामुमो के कट्टर कार्यकर्ता व समर्थक भी नाराज हैं। सरकार में आने से पहले झामुमो तथा मुख्यमंत्री एवं झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने जो भी वायदे किए थे, वह सभी वायदे चुनावी जुमले साबित हो रहे हैं। उक्त बातें आजसू पार्टी के केंद्रीय सचिव व ईचागढ़ विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी हरेलाल महतो ने कहा। उन्होंने कहा कि झामुमो के कार्यकर्ताओं में किस तरह की नाराजगी है, यह आज के कार्यक्रम में स्पष्ट हो गई हैं। जहां सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने झामुमो को अलविदा करते हुए आजसू पार्टी का दामन थाम लिया। दरअसल, आज ईचागढ़ प्रखंड के गुदड़ी में जाहिरडीह के ग्रामप्रधान सुकराम मांझी के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने झामुमो से इस्तीफा देकर आजसू पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। वहीं, दर्जनभर महिलाओं ने भी आजसू की सदस्यता ली। सदस्यता ग्रहण करने वाले कार्यकर्ताओं का आजसू केंद्रीय सचिव हरेलाल महतो ने माला पहनाकर स्वागत किया और आजसू पार्टी के नीति सिद्धांत की जानकारी साझा की। इस अवसर पर कार्यकर्ताओं व ग्रामीणों को संबोधित करते हुए हरेलाल महतो ने कहा कि आजसू पार्टी का जनाधार बढ़ रहा हैं और यह प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगा, क्योंकि आजसू पार्टी झारखंड के जनता के हित में लड़ाई शुरू कर चुकी हैं। हरेलाल महतो ने कहा कि झामुमो सरकार की विफलता के फलस्वरूप आज जनता का मोह भंग हो गया है और झामुमो छोड़कर सभी लोग आजसू की ओर आ रहे हैं। हरेलाल महतो ने ग्रामीणों से कहा कि जब झामुमो के नेता आपके गांव आए तो सवाल जरूर पूछिए। उनसे सवाल पूछिए कि सरकार बनने के बाद दो साल में क्या काम किया है? ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के जनता को अस्पताल कब मिलेगा? अच्छी सड़कें कब? 24 घंटे बिजली और पानी कब? शिक्षा व्यवस्था बेहतर कब होगा? बेरोजगारों को नौकरी कब?
बता दें कि आज आजसू में शामिल होने वाले सभी कार्यकर्ता झामुमो से आए हैं और सभी आदिवासी समुदाय के संथाल समाज से हैं। ऐसे में पूरे ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में यह खबर चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि आदिवासी समुदाय के संथाल समाज के 95 प्रतिशत मतदाताओं की पहली पसंद झामुमो ही है। वहीं, संथाल समाज को झामुमो का पॉकेट वोट माना जाता है। झामुमो को संथाल जाति के मतदाताओं का वोट लेने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करती पड़ती हैं। लगातार आदिवासी समुदाय के कार्यकर्ताओं का छोड़कर दूसरे दलों में शामिल होना झामुमो के लिए आने वाले समय में बड़ी चुनौती खड़ी हो सकती हैं। इस संबंध में झामुमो के कुछ नेताओं से जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने अपना नाम को गुप्त रखने का आग्रह करते हुए कहा है कि स्थानीय स्तर के नेताओं व जनप्रतिनिधियों में तालमेल नहीं है, जिसके कारण सरकार द्वारा चलाए जा रहे विकास योजनाओं को का लाभ जनता को नहीं मिल रही हैं, इससे जनता नाराज हो रही हैं। इस मौके पर मुरलीधर मिश्रा, दीपक मिश्रा, गुरुपदो सोरेन, जीतूराम महतो, तूलसी महतो, नंदन कुंज पात्र, सुसेन महतो, कमला सोरेन, सुमति सोरेन, प्रमिला मार्डी, पुष्पा सोरेन, जेरली टुडू, अम्बिका साह, तारणी राय, अतुल महतो, निर्मल महतो, वृहस्पति महतो, मोहन महतो आदि उपस्थित थे।
आजसू पार्टी की सदस्यता लेने वाले कार्यकर्ता : ग्रामप्रधान सुकराम मांझी, कमला सोरेन, कमला हांसदा, सुमति सोरेन, प्रमिला मार्डी, पुष्पा सोरेन, कुन्ती सोरेन, जेरली टुडू, साधरी सोरेन, अंकित नाथ साह, बुधराम मांझी, गुरुपद मांझी, सर्वधम मांझी, काशीनाथ टुडू, सुनील सोरेन, सूरज मुर्मू, बबलू प्रमाणिक, मतसोकाम मांझी, राखाल टुडू, शंकर उरांव, राहुल उरांव, अमृत उरांव, विकास हांसदा, अभिषेक उरांव, बबलू हांसदा, सुबोधचन्द्र मांझी, प्रेमचंद मांझी, किंटू सोरेन आदि ने आजसू की सदस्यता ग्रहण की।