डा. श्रीकृष्ण बाबू की जयंती पर अमरप्रीत सिंह काले को सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान

यह सम्मान नई ऊर्जा का संचार करेगा व समाज के प्रति कर्तव्यबोध का स्मरण कराएगा : काले

महान विभूतियों की छवि की झलक आरसी जी एवं अमरप्रीत सिंह काले के व्यक्तित्व में दिखती है : रजी

जमशेदपुर, 20 अक्टूबर (रिपोर्टर) : शहर के जानेमाने समाजसेवी और भाजपा के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता अमरप्रीत सिंह काले को ‘सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान’ प्रदान किया गया. बिष्टुपुर स्थित डा. श्रीकृष्ण सिन्हा संस्थान में आज अविभाजित बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिन्हा की 135वीं जयंती पर आयोजित समारोह में यह सम्मान दिया गया. श्रीकृष्ण सिन्हा संस्थान के प्रधान महासचिव हरिबल्लभ सिंह आरसी ने श्री काले को शॉल एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया.
मुख्य अतिथि डा. एसएस रजी ने श्रीबाबू के त्याग और देशभक्ति पर प्रकाश डालते हुए उन्हें देश की अमर विभूति बताया. कहा कि बिहार केसरी डॉ श्रीकृष्ण सिन्हा ने महात्मा गांधी के कहने पर बिहार में स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया. वे एक कुशल नेतृत्वकर्ता थे. राजनीतिक व सामाजिक क्षेत्र में उनका योगदान अविस्मणीय है. आज के नेताओं को श्रीबाबू से सीख लेने की जरूरत है. महान विभूतियों की छवि की झलक मुझे आरसी जी एवं अमरप्रीत सिंह काले के व्यक्तित्व में दिखती है.
विशिष्ट अतिथि सरदार अमरप्रीत सिंह काले ने कहा कि श्रीबाबू की सेवा और समर्पण को भुलाया नहीं जा सकता. श्री कृष्णा बाबू सूचिता, कर्मठता एवं अनुकरणीय कार्य पद्धति के लिये सदैव जाने जाएंगे. संस्थान के सचिव तथा बेनीपुरी साहित्य परिषद के महासचिव राजदेव सिन्हा ने कहा कि श्रीबाबू दृढ़ संकल्पित व्यक्ति थे. देश की आजादी के लिए उन्होंने गंगा नदी में बैठकर संकल्प लिया था. सभी वक्ताओं ने श्री काले की सामाजिक सेवाओं् की भूरि-भूरि प्रशंसा की और उम्मीद जताई कि वे आगे भी समाज की इसी तरह सेवा करते रहेंगे. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ एसके सिंह ने कहा कि डॉ श्रीकृष्ण सिंह ने बिहार में उद्योगों की स्थापना कर राज्य के विकास में अमूल्य योगदान दिया. इस मौके पर विद्यालय की शिक्षिका नीलम कुमारी, रिंकी मथारू तथा आरका जैन विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ अंगद तिवारी ने भी अपने विचार रखे.

समाजसेवा, धार्मिक व देशभक्ति से जुड़े कार्यों में काले की सानी नहीं

अतिथियों का स्वागत डॉ श्यामलाल पांडे ने सर्वश्रेष्ट नागरिक सम्मान के संदर्भ में कहा कि बात समाजसेवा की हो या धार्मिक अथवा देशभक्ति से जुड़ी अन्य कार्यों की एक ऐसा नाम सामने आता है जो किसी परिचय का मोहताज नहीं है. अमरप्रीत सिंह काले के नेतृत्व में समय समय पर दिव्यागों व अन्य जरूरतमंदों तथा मरीजों की सेवा की जाती है. हर हर महादेव सेवा संघ, नमन शहीदों के सपनों को, अटल विचार मंच, अर्पण आदि संस्थाओं के माध्यम से श्री काले के नेतृत्व में प्रेरणास्पद कार्य किये जाते हैं. इन कार्यों की लंबी फेहरिस्त बन जाएगी लेकिन श्री काले उन कार्यों के लिए कभी कोई बखान नहीं करते. श्री काले हर हर महादेव सेवा संघ के संस्थापक के रूप में सावन के अंतिम सोमवार को भव्य भजन संध्या का आयोजन कर जमशेदपुर के शिवभक्तों का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. दो दशक से कडक़ड़ाती ठंड में बेसहारा, वृद्ध, असहाय एवं जरूरतमंदों तक लाखों कंबल का वितरण कर सर्वोत्तम सेवा प्रदान कर रहे हैं. साथ ही समय समय पर दिव्यागों व अन्य जरूरतमंदों, मरीजों की सेवा भी इनके नेतृत्व में हर हर महादेव सेवा संघ द्वारा किया जाता रहा है.
उन्होंने कहा कि बात अगर देशभक्ति की एवं शहीदों के सम्मान की हो तो एक नाम जो किसी के भी जेहन में सर्वप्रथम आता है वो काले का है. इनकी संस्था ‘नमन : शहीदों के सपनों को…’ एक ऐसी संस्था जिसने जमशेदपुर का नाम राष्ट्रीय स्तर पर ला दिया है. भव्य एवं विशाल अखंड तिरंगा सह शहीद सम्मान यात्रा द्वारा, नमन द्वारा श्री काले के नेतृत्व में देश की सबसे बड़ी अखंड तिरंगा यात्रा का आयोजन होना न सिर्फ जमशेदपुर बल्कि झारखंड के लिए भी गर्व का विषय है. जमशेदपुर की युवा पीढ़ी में देशभक्ति का अलख जगाने का महती कार्य श्री काले द्वारा गत कई वर्षों से किया जा रहा है. धन्यवाद ज्ञापन डॉ अनीता शर्मा ने किया. इस अवसर पर विद्यालय की प्राचार्या पूनम सिंह, उप प्राचार्या संगीता सिंह, बागबेड़ा स्कूल की प्राचार्य कृष्ण पांडे, घाघीडीह विद्यालय की प्राचार्य किरण मुंडा, शिक्षक-शिक्षिकाएं, कर्मचारी तथा गणमान्य लोग उपस्थित थे.

समाजसेवा व शिक्षा के क्षेत्र में कार्य के लिये ये हुए सम्मानित
इस मौके पर मुख्य अतिथि आरका जैन यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ एसएस रजी एवं विशिष्ट अतिथि अमरप्रीत सिंह काले ने समाजसेवा एवं शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए प्रो अरविंद पांडे, डॉ मनोज पाठक, प्रो अश्विनी कुमार सिंह, किशोर यादव, धर्मेंद्र चौहान, जुगुन पांडे और सूरज साह को सम्मानित किया. इस अवसर पर ‘युग संघर्ष’ नामक पुस्तक का लोकार्पण भी किया गया.

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