धोनी ने फिर फिनिशिर की भूमिका निभाई और अंत में 6 गेंदों पर एक छक्का और 3 चौकों सहत नाबाद 18 रन बनाकर 2 गेंद पहले ही जीत दिला दी उनसे पहले ऋतुराज गायकवाड़ (70) और रॉबिन उथप्पा (63) ने अर्धशतकीय पारियां खेलकर दूसरे विकेट के लिये 110 रन की साझेदारी निभायी थी।
मैच की शुरुआत के वक्त जब धोनी ने प्लेइंग 11 बताई थी तो उनके फैंस ही उनसे नाराज हो बैठे थे। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टीम में कोई बदलाव नहीं किया था और रैना की जगह उथप्पा को ही टीम में खिलाना उचित समझा था।
इस सीजन में रैना का प्रदर्शन काफी फीका रहा था। उन्होंने कुल 12 मैचों में 17 की औसत से 160 रन बनाए थे। इसमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 54 का रहा। आईपीएल 2021 के दूसरे भाग में उनका फॉर्म और भी खराब रहा था जिस कारण धोनी ने रैना को जगह नहीं दी थी।
लेकिन प्लेऑफ में रैना का प्रदर्शन लाजवाब रहा था। यह नहीं अब तक चेन्नई के लिए सभी प्लेऑफ में रैना ने धोनी से भी ज्यादा रन बनाए थे। 155 की स्ट्राइक रेट से रैना ने इन 10 मैचों में 714 रन बनाए थे। इसमें 7 अर्धशतक शामिल थे। इन पारियों में रैना ने कुल 40 छक्के और 51 चौके जमाए थे।
लेकिन महेंद्र सिंह धोनी ने इतिहास की ओर ना देखते हुए फॉर्म की ओर देखा और उथप्पा को टीम में बनाए रखा। हालांकि रॉबिन उथप्पा का भी फॉर्म औसत ही था लेकिन धोनी के निर्णय का कमाल कहें या फिर कुछ और रॉबिन उथप्पा ने पहली बार प्लेऑफ में अपना अर्धशतक लगाया। इस तरह से धोनी ने ट्रोलिंग को तारीफ में बदल दिया।
रॉबिन उथप्पा ने 44 गेंदो में 63 रन बनाए जिसमें 7 चौके और 2 छक्के शामिल थे। यही नहीं यह पहला मौका था जब रॉबिन उथप्पा ने प्लेऑफ में 50 रन से ज्यादा बनाए हों। इससे पहले प्लेऑफ की 9 पारियों में वह महज 14 की औसत से 108 रन बना पाए थे।
टी-20 विश्वकप में धोनी की कप्तानी में खेले रॉबिन उथप्पा ने 14 साल बाद भी अपने कप्तान का सिर झुकने नहीं दिया। अगर कल रॉबिन उथप्पा फेल हो जाते तो सबसे ज्यादा आलोचना धोनी की होती जिन्होंने अनुभवी रैना को छोड़ उथप्पा को टीम में शामिल किया।
मजबूत लक्ष्य का पीछा करते हुए चेन्नई ने फॉर्म में चल रहे फाफ डू प्लेसिस को पहले ओवर की चौथी गेंद पर गंवाया था। एनरिक नोर्त्जे ने डू प्लेसिस को बोल्ड किया। डू प्लेसिस ने मात्र एक रन बनाया। गायकवाड और उथप्पा ने दूसरे विकेट के लिए 110 रन की जबरदस्त साझेदारी की। सुरेश रैना की जगह एकादश में शामिल किये गए उथप्पा ने शानदार अंदाज में बल्लेबाजी की थी।
अंत में उनको श्रेयस अय्यर ने बॉउंड्री पर बेहतरीन कैच से आउट किया। टॉम करेन की गेंद पर अय्यर ने बॉउंड्री पर कैच पकड़ लिया लेकिन वह बॉउंड्री से बाहर जा रहे थे। अय्यर ने बॉउंड्री से बाहर जाने से पहले गेंद को अंदर उछाल दिया और बॉउंड्री से बाहर जाकर और फिर अंदर आकर आसानी से कैच पकड़ लिया।