देश में मंडरा रहे बिजली संकट के बादल,झारखंड में निगम ने कहा 5 और दिन संयम बरतें

नई दिल्ली देश के कई राज्यों में बिजली संकट के बादल मंडरा रहे हैं. दिल्ली, पंजाब, तमिलनाडु, राजस्थान, महाराष्ट्र और बिहार जैसे राज्यों में बिजली का संकट पैदा हो सकता है. शनिवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर उनसे हस्तक्षेप करने की अपील की. वहीं सूत्रों के मुताबिक, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आज केंद्र सरकार से बिजली संकट से निपटने के लिए कोटा के अनुसार राज्य की कोयले की आपूर्ति को तुरंत बढ़ाने की अपील की है.

्रझारखंड
झारखंड राज्य में बिजली संकट बरकरार है। केंद्रीय कोटे से कम बिजली मिली, जिसके कारण दिन भर बिजली की कटौती जारी रही। राज्य में बिजली की मांग 1520 मेगावाट थी, लेकिन आपूर्ति केवल 1098 मेगावाट रही। इस तरह 430 मेगावाट बिजली की कटौती की गई। इधर बिजली वितरण निगम लिमिटेड के निदेशक संचालन केके वर्मा ने राज्य के उपभोक्ताओं से अपील की है कि अगले पांच दिनों तक उपभोक्ता संयम बरतें।
खासकर व्यावसायिक और औद्योगिक प्रतिष्ठान पीक आवर में एक साथ सभी उपकरण नहीं चलाएं। अभी कोयले की कमी के कारण पूरे देश में बिजली की कमी है। अधिक पैसे खर्च करने के बावजूद बिजली नहीं मिल रही। बता दें कि केन्द्रीय कोटे के तहत एनटीपीसी और एनएचपीसी से राज्य को 900 मेगावाट बिजली मिलनी चाहिए, लेकिन अभी केवल 615 मेगावाट बिजली मिल रही है। लोड शेडिंग के कारण दो से चार घंटे तक की कटौती जिलों में की गई। ग्रामीण क्षेत्रों में दिन भर में चार घंटे तक बिजली की आपूर्ति बंद रही।
बिहार

बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दावा किया कि राज्य में बिजली का संकट गहराएगा. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “बिहार में बिजली दर देश में सबसे अधिक होने के बावजूद सरकार की नाकामियों के चलते आगामी दिनों में बिजली संकट गहराएगा. डबल इंजन सरकार कांटी और बरौनी के बिजलीघर भी बंद कर रही है.डबल इंजन सरकार से बिहार को ट्रिपल नुकसान हो रहा है और हर क्षेत्र में ट्रबल ही ट्रबल.”

यूपी

यूपी के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने दो दिनों पहले कहा कि जल्द ही कोयले की आपूर्ति सामान्य की जाएगी. उन्होंने ट्वीट किया था, “प्रिय उपभोक्ता, विभिन्न कारणों से विद्युत उत्पादन इकाइयों में कोयले की आपूर्ति बाधित हुई है, जिससे निर्बाध विद्युत आपूर्ति में व्यवधान आ रहा है. आपको हो रही असुविधा के लिए खेद है.

तमिलनाडु

अन्नाद्रमुक के समन्वयक ओ पनीरसेल्वम ने शुक्रवार को तमिलनाडु सरकार से राज्य में घटते कोयला भंडार के मुद्दे पर केन्द्र सरकार से बात करने और भंडार फिर से पूरा कर संकट टालने का आग्रह किया. अन्नाद्रमुक नेता ने थर्मल प्लांट्स के संचालन के लिए ईंधन की कमी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि खबरों से संकेत मिलता है कि राज्य के पास केवल चार दिनों का भंडार है और यह बिजली के परिदृश्य से अच्छा नहीं है. उन्होंने कहा कि ताप ऊर्जा केंद्रों पर कोयले के भंडार में गिरावट आई है क्योंकि कोयले के केंद्रीय आवंटन में 20,000 टन प्रतिदिन की कमी की गई है.

ओडिशा

उद्योग संगठन उत्कल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री लिमिटेड (यूसीसीआई) ने ओडिशा सरकार से राज्य स्थित उद्योगों को कोयले की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने का आग्रह किया है. यूसीसीआई का कहना है कि इन उद्योंगों को अपनी इकाइयों चलाने के लिए कोयले के भारी संकट का सामना करना पड़ रहा है. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को लिखे पत्र में यूसीसीआई ने शुक्रवार को कहा, “हम राज्य में मौजूदा कोयले के गंभीर संकट की स्थिति पर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं.

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